स्वास्थ्य मंत्रालय का अहम निर्देश: हल्के लक्षण में लगातार तीन दिन न आए बुखार, तो बिना टेस्टिंग कर सकते हैं डिस्चार्ज
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कोरोनावायरस महामारी के बढ़ते मामलों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, केरल और गुजरात में कोरोना के फैलने की रफ्तार काफी तेज है और इसलिए यह चिंता का विषय बने हैं। हालांकि, ओमिक्रॉन वैरिएंट के प्रसार पर स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से दो अच्छी खबरें भी आई हैं। बताया गया है कि ओमिक्रॉन से दुनिया में अभी तक सिर्फ 115 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि भारत में इससे सिर्फ एक ही व्यक्ति की जान गई है। इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना की स्थिति की समीक्षा के बाद मरीजों को डिस्चार्ज करने की नीति में भी बदलाव किया है। अब हल्के लक्षण वाले संक्रमितों को पॉजिटिव पाए जाने के सात दिन बाद डिस्चार्ज किया जा सकता है। इस दौरान अगर लगातार तीन दिन तक मरीज की स्थिति ठीक रहती है और उसे बुखार नहीं आता तो डिस्चार्ज के लिए टेस्टिंग की भी जरूरत नहीं होगी। उधर मध्यम लक्षण वाले मरीजों में अगर सुधार दिखता है और उनका ऑक्सीजन सैचुरेशन स्तर बिना ऑक्सीजन सपोर्ट के भी लगातार तीन दिन तक 93 फीसदी से ज्यादा रहता है, तो ऐसे मरीजों को डिस्चार्ज किया जा सकता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, जिन राज्यों को लेकर चिंता जताई गई है, वहां संक्रमण दर काफी ज्यादा है जहां महाराष्ट्र में प्रति यह दर 22.39 फीसदी है, तो वहीं बंगाल में 32.18 फीसदी, दिल्ली में 23.1 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 4.47%। संयुक्त सचिव ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की तरफ से जारी बयान का हवाला देते हुए कहा कि डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रॉन काफी तेजी से फैल रहा है। दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, कनाडा और डेनमार्क के डेटा से साफ है कि ओमिक्रॉन से अस्पताल में भर्ती होने का खतरा डेल्टा की तुलना में कम है।