शिक्षा विभाग में डायरी फर्जीवाड़ा, तीन गिरफ्तार, फर्जी लेटर का किया था प्रयोग

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में शिक्षा विभाग की फर्जी डायरी के मामले में तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें एक शिक्षा अधिकारी भी शामिल है। फर्जी लेटर का प्रयोग कर डायरी शिकायत की गई थी। हस्‍ताक्षर भी की गई थी। मामला राखी थाने दर्ज करवाया गया था, जिसके बाद जांच शुरू की गई। इस मामले में स्कूल शिक्षा मंत्री ने भी मुख्यमंत्री से जांच की मांग की थी। थाना राखी में दर्ज अपराध, जिसमें फर्जी लेटर का प्रयोग करते हुए शिकायत की गई थी। गिरफ्तार आरोपियों के संबंध में आज शनिवार दोपहर 01ः30 बजे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा कन्ट्रोल रूम में प्रेसवार्ता ली।

आरोपितों में पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी वर्तमान सेवानिवृत्त गेंदाराम चंद्राकर पुत्र स्व. अर्जुन लाल चंद्राकर (64) निवासी ग्राम भड़हा थाना खरोरा, वर्तमान निवासी दानी स्‍कूल कैंपस कालीबाड़ी चैक थाना कोतवाली रायपुर, रायपुर होम्योपैथिक मेडिकल कालेज एवं हास्पिटल रामकुण्ड का सचिव संजय सिंह ठाकुर पुत्र स्‍व. नरेन्द्र बहादुर सिंह (51) निवासी सी/79 देवेन्द्र नगर सेक्टर 04 थाना देवेन्द्र नगर रायपुर और रायपुर होम्योपैथिक मेडिकल कालेज व हास्पिटल रामकुण्ड में टायपिस्ट कपिल कुमार देवदास पुत्र कृष्णा देवदास (30) निवासी गायत्री मंदिर के पास टाटीबंध थाना आमानाका रायपुर शामिल हैं।

स्कूल शिक्षा मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात की। इस दौरान डा. टेकाम ने शिक्षा विभाग से कथित भ्रष्टाचार को लेकर वायरल हो रही खबरों को संज्ञान में लेते हुए पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। बता दें कि शिक्षा विभाग में कथित भ्रष्टाचार को लेकर एक डायरी के आधार पर खबरें वायरल हो रही हैं। इसमें विभाग में तबदाला व पदस्थापना में बड़े पैमाने पर लेनदेन के आरोप लगाए गए हैं। इस मामले में लोक शिक्षण संचालनालय के उप संचालक आशुतोष चावरे ने नवा रायपुर के राखी पुलिस थाने में अपनी तरफ से एफआइआर दर्ज कराई है। इसमें चावरे ने कहा है कि पिछले दो माह से अज्ञात व्यक्तियों के द्वारा उनके नाम, पदनाम और सील का छद्म उपयोग कर फर्जी शिकायत पत्र तैयार किया जा रहा है और इसे जनप्रतिनिधियों व विभिन्न संस्थानों को भेजा जा रहा है। चावरे के अनुसार लेन-देन से संबंधित आरोपों वाले शिकायती पत्र में उनके जाली हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया गया है। इसके माध्यम से उनकी व विभाग की छवि खराब करने की कोशिश की गई है।