नियम विरूद्ध अर्चना टावर में बनी 63 दुकानें, जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया पर भी उठे सवाल
भिलाई (चिन्तक- शुभम गुप्ता)। नगर निगम की लापरवाही की वजह से व्यवसायिक प्लाट के निर्माण में भारी गड़बडी की जा रही है। प्लाटधारी नियम व कायदो को दर किनार कर निर्माण के कार्य में जुटे है। मौर्या सिनेमाघर के सामने चार प्लाटो को एक साथ जोड़कर प्रथम द्वितीय व तृतीय तल में बनाई गई 63 दुकों सर्वाधिक चर्चा का विषय है।
जानकारी के अनुसार उन दुकानो का निर्माण उस जगह पर हुआ है जिसका उपयोग मौर्या सिनेमाघर द्वारा सायकल स्टैंड व पार्किंग के लिए किया जाता था। इस जगह चार दुकानों के निर्माण की भीतरी कहानी बेहद दिलचस्प है। बताया गया है कि मौर्या सिनेमाघर के सामने पार्किंग वाली जगह पर चार प्लाट ए-1, ए-2,ए-3 व ए-4 श्रीमती अर्चना देवी जैन पति महावीर प्रसाद के नाम पर है। नियमानुसार चार अलग अलग प्लाटो में निर्माण का कार्य एक गेप में होना था। अर्थात हर प्लाट के बीच एक रिक्त जगह छोड़ी जानी थी ताकि यह पता चल सके कि चार अलग अलग प्लाट में निर्माण किया गया है। लेकिन मौजूदा स्थिति के अनुसार चार अलग अलग प्लाटो को एक साथ जोड़कर निर्माण कर दिया गया है। निर्माण का स्वरूप यह है कि एक लेयर में लगातार 21 दुकाने बना दी गई है और द्वितीय व तृतीय तल में भी एक के ऊपर एक 21 दुकानों का निर्माण कर दिया गया है। 63 दुकानो से निर्मित इस क्षेत्र को अर्चना टावर का नाम दिया गया है।
नहीं मिल रहा है भवन पूर्णता प्रमाण पत्र
अर्चना टावर में निर्मित 63 दुकानों के निर्माण का काम जरूर पूरा हो गया है लेकिन नगर निगम द्वारा भवन पूर्णता प्रमाण पत्र नही दिया गया है। निगम के अधिकारी इस मामले में अपनाई गई हस्तांतरण के नियम विरूद्ध प्रक्रिया से वाकिफ है और भविष्य में नौकरी पर पैदा होने वाले खतरे को समझ रहे है। इसलिए भवन पूर्णता प्रमाण पत्र का मामला अटका पड़ा है। भिलाई के जी.ई. रोड में अर्चना टावर की दुकानों का मामला सर्वाधिक रूप से चर्चा का विषय है।
मौर्या टाकीज के पीछे की जगह का हुआ है सामने स्थानांतरण
निगम सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मौर्या टाकीज के सामने पड़ी रिक्त जगह का जब पार्किंग के रूप में उपयोग हो रहा था तब तत्कालिन साडा व नगर निगम को इसका किराया मिल रहा था। उसके बाद मौर्या टाकीज प्रबंधन को सामने की जगह रिक्त कर पार्किंग व सायकल स्टैंड को टाकीज के पीछे शिफ्ट किया गया जिस जगह पर पीछे में पार्किंग शिफ्ट हुई उस जगह पर चार प्लाटधारी थे। अर्थात यह जगह चार लोगों को पहले आबंटित की जा चुकी थी। इन चारों प्लाट को अर्चना देवी जैन पति महावीर प्रसाद ने खरीदा था। यही जगह मौर्या टाकीज के सामने उन्हें हस्तांतरित कर दी गई। हस्तांतरण की इस अजीबों गरीब प्रक्रिया पर कई सवाल खड़े किए गए थे और काफी हल्ला भी हुआ था। लेकिन स्थिति ऐसी ही बनी हुई है।
नगर निगम भिलाई के आयुक्त प्रकाश सर्वे ने बताया कि अर्चना टॉवर के निर्माण कार्य में अनियमितता की जानकारी मिली है। इसकी जांच चल रही है। इसी वजह से कई सालों से भवन का निर्माण पूर्ण हो चुका है, किंतु अभी तक भवन पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है। जब तक सभी बिन्दुओं पर जांच नहीं हो जाती तब तक भवन पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा।
प्रकाश सर्वे, आयुक्त, नगर निगम भिलाई