नहीं रहे उद्योगपति राहुल बजाज, 83 साल की उम्र में निधन

नई दिल्ली। बजाज ग्रुप के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज ने शनिवार को 83 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। 50 साल तक बजाज ग्रुप की कमान अपने हाथों में थामने वाले पद्म भूषण सम्मानित उद्योगपति का पुणे स्थित आवास पर निधन हो गया। वे पिछले कई सालों से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। माडवाड़ी परिवार में जन्मे इस उद्योगपति ने अपनी मेहनत और लगन से बजाज समूह को बुलंदियों तक पहुंचाने का काम किया।  उनके निधन से देश के कारोबारी जगत में शोक की लहर है।
1938 में हुआ था राहुल बजाज का जन्म 
राहुल बजाज का जन्म 10 जून 1938 को बंगाल प्रेसीडेंसी में हुआ था। राजस्थान के मारवाड़ी में पैदा हुए राहुल का संबंध राजस्थान में सीकर जिले के काशीकाबास से है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से पूरी हुई थी। जबकि उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से अर्थशास्त्र (ऑनर्स) डिग्री और बंबई विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री ली थी। इसके बाद राहुल ने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से अपना एमबीए पूरा किया था। बता दें कि बजाज व्यवसायिक घराने की नींव दरअसल, राहुल के दादा जमनालाल बजाज के द्वारा रखी गई थी। जिसे राहुल बजाज ने आगे बढ़ाया और समूह को बुलंदियों तक पहुंचा दिया।
2021 में चेयरमैन पद से दिया था इस्तीफा
दिग्गज उद्योगपति राहुल बजाज ने पिछले साल 29 अप्रैल 2021 को बजाज ऑटो के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए यह पद छोड़ा था। वह 1972 से समूह के चेयरमैन पद पर पर कार्यरत थे। रिपोर्ट के मुताबिक, राहुल बजाज ने साल 1965 में बजाज समूह में अपनी जिम्मेदारी की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने लगातार मेहनत करते हुए समूह को देश के सबसे बड़े कारोबारी ग्रुप में से एक बना दिया।

राहुल के नेतृत्व में आया चेतक
बजाज चेतक के नाम से तो सभी वाकिफ हैं। बता दें कि राहुल बजाज के नेतृत्व में ही चेतक स्कूटर अस्तित्व में आया था और देखते ही देखते दोपहिया वाहन श्रेणी में सबसे पसंदीदा स्कूटर ब्रांड बन गया था। राहुल उस बजाज समूह के अध्यक्ष थे, चेतक की लोकप्रियता इतनी थी उस समय बजाज समूह को भारत की धड़कन कहकर पुकारा जाने लगा था। गौरतलब है कि 1980 के दशक में बजाज दो पहिया स्कूटरों का शीर्ष निर्माता था। समूह के चेतक ब्रांड स्कूटर की मांग इतनी ज्यादा थी कि इसके लिए 10 साल तक का वेटिंग पीरियड था।

कई पुरस्कारों से किया गया सम्मानित
राहुल बजाज को 2001 में भारत सरकार ने उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। वे राज्य सभा के सदस्य भी रहे। राहुल बजाज को ‘नाइट ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’ नामक फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से भी नवाजा गया है। राहुल बजाज वो बिजनेसमैन हैं, जिन्होंने उदारीकरण का विरोध किया था। उन्हें आईआईटी रुड़की सहित सात विश्वविद्यालयों द्वारा डॉक्ट्रेट की मानद उपाधि प्रदान की गई है।

ये उपलब्धियां राहुल बजाज के नाम

  • सीआईआई के दो बार अध्यक्ष रहे, जो 5000 कंपनियों का प्रतिनिधित्व करती है।
  • 2001 में उन्हें तीसरा सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘पद्म भूषण’ दिया गया।
  • एफआईई फाउंडेशन ने 1996 में राष्ट्र भूषण सम्मान से पुरस्कृत किया।
  • 1990 में उन्हें बॉम्बे मैनेजमेंट एसोसिएशन पुरस्कार प्रदान किया गया।
  • साल 1985 में बिजनेसमैन ऑफ ईयर अवार्ड से सम्मानित किया गया।
  • हार्वर्ड बिजनेस स्कूल द्वारा अलुमिनी (पूर्व छात्रों) अचीवमेंट पुरस्कार दिया गया।
  • फ्रांस ने ‘नाइट इन द आर्डर ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’ नियुक्त किया।
  • 1975 में राष्ट्रीय गुणवत्ता एश्योरेंस ने ‘मैन ऑफ़ द ईयर’ पुरस्कार दिया।