अब कांकेर में भी सड़क पर उतरे वकील, तहसीलदार के खिलाफ FIR की मांग

रायगढ़। वकीलों और तहसीलदारों के बीच भड़की आग की लपटें कांकेर तक पहुंच गई हैं। यहां भी वकीलों ने एक तहसीलदार पर गाली देने का आरोप लगाते हुए राजस्व कोर्ट का बहिष्कार कर दिया है। वकील बुधवार को सड़क पर उतर आए और रैली निकाल थाने पहुंचे। वहां कांकेर तहसीलदार समेत प्रदर्शनकारी कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत दी। साथ ही तत्काल कार्रवाई नहीं होने पर प्रदर्शन की चेतावनी दी है। कांकेर तहसील से वकील बुधवार शाम अचानक नारेबाजी करते हुए बाहर निकले, फिर रैली निकाल थाने पहुंचे और शिकायती पत्र सौंपा। शिकायत में बताया कि पिछले सप्ताह रायगढ़ की घटना को लेकर कांकेर में तहसीलदार सहित राजस्व कर्मचारियों ने धरना-प्रदर्शन किया था। आरोप लगाया कि इसमें मौजूद तहसीलदार आनंद नेताम, नायब तहसीलदार परमानंद बंजारे, रीडर शरद शर्मा समेत कुछ पदाधिकारियों ने अपने भाषण में वकीलों के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया है।

वकीलों का आरोप है कि सार्वजनिक स्थल पर उनके खिलाफ अश्लील भाषा का प्रयोग करने पर उनको अपमानित होना पड़ा। वकीलों को गुंडा व बदमाश कहा गया। वकीलों ने एसपी कार्यालय भी पहुंच शिकायत सौंपी। इस दौरान अधिवक्ता संघ अध्यक्ष नरेंद्र दवे के अलावा अधिवक्ता भुनेश्वर सिंह ठाकुर, ईश्वर साहू, राजेश भदोरिया, केडी मिश्रा, राजू सिंह राणा, देवेंद्र जैन, सुनील गोस्वामी, अनुराग श्रीवास्तव, एजाज अली, अधिश्वर नेताम आदि शामिल थे। अधिवक्ता संघ अध्यक्ष नरेंद्र दवे ने कहा कि तहसीलदार व राजस्व कर्मचारियों का धरना-प्रदर्शन एक सप्ताह तक चला। इस दौरान कोर्ट आते वक्त अधिवक्ताओं में लोकेश तिवारी, संजय लाल समेत अन्य लोगों भाषण को सुना। कांकेर में भी तहसीलदार व अन्य कर्मचारियों ने वकीलों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है। वकीलों को गुंडा कहते गाली दी गई। इसके सारे सबूत व गवाह हैं। एफआईआर दर्ज कराई जा रही है।

वकीलों ने बुधवार को आकस्मिक बैठक कर सर्वसम्मति से जिले भर में राजस्व कोर्ट का बहिष्कार कर दिया है। वकीलों के अनुसार बहिष्कार अनिश्चतकालीन है। दिन भर वे राजस्व न्यायालय में लंबित किसी भी मामले में पैरवी या सुनवाई के लिए नहीं गए। बहिष्कार का एलान करने के साथ दोपहर में वकीलों का जत्था कोर्ट से रैली की शक्ल में कलेक्ट्रेट पहुंचा और कलेक्टर चंदन कुमार को ज्ञापन सौंप बहिष्कार की जानकारी दी।

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