यूक्रेन संकट: कीव शहर से किसी भी हालत में आज बाहर निकलें भारतीय छात्र, दूतावास ने जारी की एडवाइजरी

नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन के संकट के बीच आज यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने एक बार फिर से एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में कहा गया है कि सभी भारतीय छात्र तत्काल प्रभाव से कीव शहर को छोड़ दें। बाहर जाने के लिए रेल, बस या अन्य साधन का उपयोग कर सकते हैं। सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि रूसी सेना 24 घंटे के भीतर कीव शहर पर ताबड़तोड़ हमले को अंजाम दे सकती है, इसलिए एहतियातन भारतीय नागरिकों एवं छात्रों को शहर छोड़ने के लिए कहा जा रहा है।

वायुसेना भी करेगी भारतीय नागरिकों को एयरलिफ्ट
रूस-यूक्रेन की वर्तमान स्थिति की बात करें तो दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच चुका है। इन सब के बीच अन्य देशों के नागरिकों के लिए भी खतरा बढ़ गया है। इस बढ़ते खतरे को देखते हुए भारतीय वायुसेना ने भी कमर कस ली है। ताजा जानकारी के मुताबिक भारतीय नागरिकों को एयरलिफ्ट कराने के लिए एयरफोर्स के कई C-17 विमानों की सहायता ली जाएगी। सूत्रों के अनुसार ऑपरेशन गंगा के तहत भारतीय नागरिकों के निकासी अभियान को और तेज करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी खुद भारतीय वायु सेना को इस ऑपरेशन से जुड़ने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि वायु सेना के हवाई जहाज़ों के जुड़ने से भारतीयों के लौटने की प्रक्रिया गति पकड़ेगी, और उनकी संख्या में भी वृद्धि होगी। साथ ही साथ, भारत से भेजी जा रही राहत सामग्री भी और तेजी से पहुंचेगी। बताया जा रहा है कि भारतीय वायु सेना के कई C-17 विमान आज से ही ऑपरेशन गंगा के तहत उड़ान भर सकते हैं।

इन चार मंत्रियों को मिली निकासी अभियान की जिम्मेदारी
यूक्रेन में मौजूदा स्थिति पर दिन के दौरान प्रधान मंत्री की अध्यक्षता में यह दूसरी उच्च स्तरीय बैठक थी। इस बैठक में यह फैसला लिया गया कि केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू और जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह सहित विशेष दूत क्रेन में चल रहे रूसी सैन्य अभियानों के बीच फंसे भारतीयों की निकासी के समन्वय के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों की यात्रा करेंगे।

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