केंद्र का बड़ा फैसला: आवासीय, वाणिज्यिक निर्माण स्थलों पर 10 फीसदी वृक्षारोपण का प्रस्ताव रखा

नई दिल्ली। शहरों में प्रदूषण में कमी लाने के लिए पर्यावरण मंत्रालय ने एक बड़ा प्रस्ताव दिया है।  इसके तहत आवासीय और वाणिज्यिक निर्माण स्थलों में उनके भूखंड का कम से कम 10 प्रतिशत क्षेत्रों में वृक्ष लगाने के लिए कहा गया है। मंत्रालय ने 28 फरवरी को भवन निर्माण पर्यावरण प्रबंधन विनियम, 2022 पर एक मसौदा अधिसूचना जारी कर 60 दिनों के भीतर प्रस्ताव पर जनता के सुझाव और आपत्तियां मांगी। यह नियम उन परियोजनाओं पर लागू होंगे जिनमें नई भवन परियोजनाओं का निर्माण और 5,000 वर्ग मीटर से अधिक के निर्मित क्षेत्र वाले पुराने मौजूदा भवनों का विस्तार, नवीनीकरण या मरम्मत शामिल है। मसौदा अधिसूचना में कहा गया है कि प्रत्येक 80 वर्गमीटर भूमि के लिए कम से कम एक पेड़ लगाया जाना चाहिए  ताकि पेड़ के कवर के तहत कम से कम 10 फीसदी भूखंड क्षेत्र सुनिश्चित हो सके। मौजूदा पेड़ों की गणना इस उद्देश्य के लिए की जाएगी।

 

पर्यावरण मंत्रालय के दिशानिर्देश
इसमें कहा गया है कि इमारतों, सड़कों, पक्के क्षेत्रों और बाहरी सेवाओं के लिए प्रस्तावित क्षेत्रों से ऊपरी मिट्टी को केवल 20 सेमी की अधिकतम गहराई तक ही हटाया जाना चाहिए। इसे निर्दिष्ट क्षेत्रों में उचित रूप से भंडारित किया जाना चाहिए और साइट पर प्रस्तावित वनस्पति के रोपण के दौरान पुन: लागू किया जाना चाहिए। मंत्रालय ने कहा कि परियोजना के निर्माण चरण के दौरान केंद्रीय भूजल प्राधिकरण की पूर्व स्वीकृति के बिना आर्द्रभूमि और जल निकायों और भूजल पर किसी भी निर्माण की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

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