छत्तीसगढ़ में मिठाई दुकान में बिकने लगा टमाटर, ठेलों और दुकानों की बात हुई पुरानी…

कोरबा। बीते कुछ दिनों से टमाटर लगातार चर्चा में बना हुआ है। खाने का स्वाद बढ़ाने वाला लाल टमाटर सलाद में भी बड़े शौक से खाया जाता है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से इसके आसमान छूते दामों की वजह से खाना तो दूर, अब इसे खरीदना भी मुश्किल लग रहा है। कभी 20-30 रुपये किलो बिकने वाला टमाटर अब कई जगह 200 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है।

पहले गांव हो या शहर एक गरीब परिवार को कोई साग-सब्जी नहीं मिलता था तो टमाटर की चटनी में ही खाना खाकर गुजारा कर लेता था। लेकिन बढ़ती महंगाई ने टमाटर को आम लोगों की थाली से तो दूर कर ही दिया है लगता है की जल्द ही आम दुकानों से भी बाहर हो जाएगा। ऐसा ही एक नजारा कोरबा में देखने को मिला जहां टमाटर की बिक्री सब्जी की दुकान और ठेलों को छोड़कर मिठाई की दुकान में हो रही थी।

शोकेश में रखा हुआ था टमाटर
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के एचटीपीपी पश्चिम कॉलोनी परिसर स्थित शॉपिंग सेंटर में संचालित दुकान में जब ग्राहक सामान लेने पहुंचे तो देखा कि मिठाइयों के बीच टमाटर को शोकेश में रखा गया है। ये नज़ारा देखकर कुछ पल के लिए किसी को भी यकीन नहीं हुआ कि टमाटर को शोकेश में क्यों रखा जाएगा? मन की भ्रांति दूर करने सच्चाई जानने संचालक से पूछा गया कि भईया ये टमाटर है या कोई नई किस्म की मिठाई, जवाब मिला, भाई साहब ये टमाटर ही है। दरअसल दुकान संचालक ने टमाटर को खराब होने से बचाने के लिए मिठाइयों वाले शोकेस में रखना बताया।

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