दुर्ग में पालीथिन और सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर 50 हज़ार रुपये तक के जुर्माने का आदेश

दुर्ग। नगर पालिक निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत केंद्र व राज्य सरकार के नए आदेश के क्रम में नगर निगम ने शहर में पालीथिन एवं सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया है। उल्लंघन करने पर बड़ी कार्रवाही कर जुर्माना लगाने का आदेश जारी किया गया है। राज्य सरकार ने नियमावली जारी कर पूरे प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक व पालीथिन पर प्रतिबंध लगा दिया है, सभी प्रतिबंध समाप्त होने व प्रदूषण को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार व राज्य सरकार के आदेश पर नगर निगम आयुक्त लोकेश चन्द्राकर ने कमेटी गठन कर शहर क्षेत्र के दुकानदारो पर सिंगल यूज प्लास्टिक व पालीथिन का उपयोग रोकने व जुर्माना वसूलने की तैयारी कर ली है।

आयुक्त लोकेश चन्द्राकर ने निगम की टीमों को गुरुवार से जुर्माने की कार्रवाई का आदेश दिया है। सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति के लिए राज्य सरकार की ओर से पालीथिन कैरीबैग समेत प्लास्टिक व थर्माकोल से बने सिंगल यूज उत्पादों के उपयोग, उत्पादन एवं बिक्री पर प्रतिबंध के बाद नगर निगम ने शहर में व्यापक अभियान की तैयारी की है। नियमों का उल्लंघन करने पर 100 रुपये से लेकर 50 हज़ार रुपये तक के जुर्माना लगाने का आदेश दिया गया है।शहर में प्लास्टिक व पालीथिन के कैरीबैग समेत पीईटी,प्लास्टिक बोतल, कप, गिलास,प्लास्टिक और थर्माकोल से बने पत्तल, कप, गिलास आदि का धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है। आयुक्त ने सख्त कार्रवाही के निर्देश अधिकारियों को दिए है।बता दे कि प्लास्टिक-पालीथिन व थर्माकोल के उत्पाद एक बार उपयोग के बाद यत्र-तत्र फेंके जाने से ये नालियों और सीवरेज सिस्टम में अवरोध पैदा कर रहे तो प्लास्टिक में मौजूद रंग,पिंगमेंट, प्लास्टिक में लिपटे खाद्य पदार्थों को दूषित करता है।साथ ही प्लास्टिक अपशिष्ट और माइक्रो प्लास्टिक जैवविविधता के लिए खतरे का कारण भी बनता जा रहा है। इसे देखते हुए नगर निगम ने अब सख्त रुख अपनाते हुए कार्रवाई हेतु टीमें तैयार कर दी हैं।

पालीथिन कैरी बैग, प्लास्टिक-थर्माकोल से बनी थैलियों, पत्तल, ग्लास, कप, कांटा, चम्मच, स्ट्रा, चाकू समेत पैंकिंग सामग्री के प्रयोग, बिक्री, उत्पादन, भंडारण व परिवहन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है।आयुक्त लोकेश चन्द्राकर ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण को देखते हुए प्रतिबंधित पॉलीथिन की कार्रवाई में तेजी लाई जाएगी। सिंगल यूज प्लास्टिक को डिस्पोजेबल प्लास्टिक भी कहा जाता है। सिंगल-यूज प्लास्टिक को एक बार इस्तेमाल करने के बाद छोड़ दिया जाता है। ऐसे प्लास्टिक का अक्सर उचित तरीके से निपटान नहीं किया जाता है और इसे रिसाइकिल भी नहीं किया जा सकता। अक्सर प्लास्टिक को उपयोग के बाद जला दिया जाता है या लैंडफिल में दफन कर लिया जाता है,जो पर्यावरण को लम्बे समय तक नुकसान पहुंचाता है।

आयुक्त के निर्देश पर टीमों को गुरुवार से जुर्माने की कार्रवाई का आदेश दिया है।सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति के लिए जिम्मेदारी स्वास्थ्य अधिकारी जावेद अली, भुवनदास साहू, ईश्वर वर्मा, शशिकांत यादव, सुरेश भारती, राजू सिंह और प्रताप सोनी, मनोहर शिंदे टीम में शामिल है। टीमो द्वारा अपने अपने क्षेत्र में उपयोग प्लास्टिक के विलोपन हेतु प्रभावी क्रियान्वयन के लिए वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों (जैसे विक्रेता, उपयोगकर्ता,शॉपिंग सेन्टर, मॉल,बाजार,सब्जी मंडी स्थानीय दुकाने, सड़क विक्रेता, सिनेमा घर, पर्यटक स्थल, फूल दुकाने, शैक्षणिक संस्थानें, ऑफिस कॉम्पलेक्स, अस्तपताल, रेल्वे स्टेशन, बस स्टेशन, होटल एवं रेस्टोरेन्ट क्षेत्रों में भी निरीक्षण कर कार्यवाही किया जाएगा।