दुर्ग में रकम दोगुना करने के नाम पर 60 लाख की ठगी, सिक्योरिटी के तौर पर लोगों को देता था फर्जी चेक

दुर्ग। दुर्ग जिले में एक अनोखा ठगी का मामला सामने आया है। यहां एक युवक ने शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करके उनकी रकम को कम समय में दोगुना करने का लालच दिया। ऐसा करके उसने लोगों से 60 लाख रुपए से अधिक की ठगी की। लोगों के जमा पैसे से लग्जरी गाड़ियां खरीद कर अपनी अय्याशी में खर्च कर दी। दुर्ग पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

पद्मनाभपुर थाना प्रभारी प्रशिक्षु आईपीएस उमेश गुप्ता ने बताया कि मैत्रीकुंज रिसाली की रहने वाली सरिता बंसोड़ ने ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। उसने बताया था कि आरोपी राजेश चंद्राकर साल 2017 से शेयर मार्केट में ऑनलाइन ट्रेडिंग का काम करता आ रहा है। उसने आदर्श नगर दुर्ग में आरआरबी ट्रेडिंग एंड कंसल्टेंसी सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड नाम से अपना एक ऑफिस भी खोला हुआ है। वह लोगों से पैसा लेता है और उसे शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करता है।

Cheating of Rs 60 lakh in the name of doubling the amount | लोगों के जमा पैसों से लग्जरी गाड़ियां खरीदी, बाकी रकम अय्याशी में उड़ा दी - Dainik Bhaskar

लोगों से दावा करता है कि वो उनका पैसा मात्र 90 दिनों में डबल कर देगा। सरिता भी इसी सिलसिले में राजेश से मिली थी। उसने सात लाख रुपए 90 दिन में दोगुने करने के लिए 4 अगस्त 2022 को राजेश को दिए थे। लेकिन राजेश ने आज तक वो रकम नहीं लौटाई। सरिता की शिकायत पर पद्मनाभपुर पुलिस ने राजेश के खिलाफ धोखाधड़ी और अमानत में खयानत का मामला दर्ज किया था।

पुलिस ने राजेश को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने केवल सरिता ही नहीं बल्कि कई लोगों से रकम दुगना करने के नाम पर ठगी की है। उसने बताया कि दुर्ग के साथ-साथ बिलासपुर में भी अपनी कंपनी का ऑफिस खोला था। सरिता के अलावा उसने राहुल तिवारी से 8 लाख, डामेश्वर वर्मा से 21.50 लाख रुपए, अजय पटेल से 14 लाख रुपए, पुष्पा मानिकपुरी से 4.50 लाख रुपए, विकास कुमार से 2.78 लाख रुपए, रोमिन राय से दो लाख रुपए और समचल से एक लाख रुपए की ठगी की है। इस रकम को शेयर मार्केट में न लगाकर उसने महंगी गाड़ियां खरीदी और अय्याशी में खर्च कर दिया। पुलिस ने आरोपी के पास कई गाड़ियां जब्त की है। लोगों को ऐसा न लगे कि राजेश चंद्राकर उन्हें ठग रहा तो वो उनकी रकम की सिक्योरिटी भी देता था। पैसा जमा करने के साथ ही वो लोगों को अपने खाते का चेक देता था। चेक पाकर लोग भी विश्वास कर लेते थे। लेकिन उन्हें क्या पता कि उनके पैसे शेयर मार्केट में न इन्वेस्ट होकर एक ठग की अय्याशी में लग रहे हैं।

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