दुर्ग में हुआ जश्ने बद्र का आयोजन
दुर्ग। छत्तीसगढ़ के उस्तादुश्शोअरा शायर स्वर्गीय हाजी बदरूल कुरैशी “बद्र” साहब जी की छठवीं पुण्यतिथि के अवसर पर “बद्र”साहब के शागिर्दों और पुत्रियों ने मिलकर जश्ने बद्र का आयोजन किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की जिम्मेदारी प्रदेश के जाने माने साहित्यकार रौनक़ जमाल को सौपी गई थी। मुख्य अतिथि के तौर पर दुर्ग के समाजसेवी एवं प्रतिष्ठित व्यवसायी कैलाश बरमेचा, बुजुर्ग शायर हाजी रियाज गौहर, शरीके जश्न रहे।
कार्यक्रम का संचालन शायर नवेद रज़ा दुर्गवी ने सुचारू रूप से किया। जश्ने बद्र की कमान सभाले शागिर्दे बद्र अलोक नारंग ने आयोजन मे इन्द्रधनुष रंग भर दिये थे। हाजी ताहिर निजाम ने जश्ने बद्र के हर पहलू पर नजर रखी और उनको दी गई जिम्मेदारीओ को बा खुबी निर्वाह किया। शायरों के नाम एवम् कविजनो जिन्होंने अपने अपने कलाम, कविताओं से समां बाँध दिया था।उनके नाम इस प्रकार हैं जश्न के अध्यक्ष रौनक जमाल रौनक़, अंतरराष्ट्रीय शायर मुमताज भाई, संचालन कर्ता नवेद रज़ा दुर्गवी, पार्षद हमीद खोखर, रियाज गौहर, डाँक्टर बीना सिंग, शुचि भविः, अंजू त्रिपाठी, शरद कोकास, डाँ.नौशाद सिद्दीकी, डाँ.संजय दानी, ताहिर निजाम, अलोक नारंग, रामभरण पूरी कशिश, ओम वीर करण, डाँ.नरेन्द्र देवागन, बी.एल.त्रिपाठी, पी.बी.सक्सेना जी, मो.गुलाब चौहान, एस बी.सिंग, रसीदा साहूँ, अन्य अधिक तमाम मेहमान। जश्ने बद्र मे अलोक नारंग जी ने बद्र साहब की जीवनी पर आलेख पढ़ा, जश्ने बद्र के अध्यक्ष का भाषण को बहुत सराहया गया जश्न दोपहर 3 बजे से शुरू होकर 8 बजे तक खत्म हुआ। धन्यवाद ज्ञापन बद्र साहब की बड़ी पुत्री नसरीन बानों ने किया। जश्न का समापन करने के बजाये अगले साल तक मुन्तबी किया गया। और अगले साल आने का नेवता भी दे दिया। ये जानकारी शायर/कवि नवेद रज़ा दुर्गवी के द्वारा जानकारी प्रदान की गई हैं।