छात्रा बनी मानवता की मिसाल, जन्मदिन पर गुल्लक की पूरी राशि जरूरतमंदों को कर दी दान
बिलासपुर। एक तरफ जहां कोरोनावायरस ने दुनिया को अभूतपूर्व संकट में डाला है तो वहीं इस दौरान मानवता और दया धर्म के एक से बढ़कर एक उदाहरण हर दिन सामने आ रहे हैं। बड़े-बड़े उद्योगपति से लेकर आम आदमी और छोटे-छोटे बच्चे भी इस संकट में अपना सहयोग देते नजर आ रहे हैं । जिस तरह राम सेतु निर्माण में नन्हीं गिलहरियों ने रेत पर लोट कर और उस रेत को समुद्र में छोड़कर अपना सहयोग देते हुए प्रभु श्री राम की सहायता की और इतिहास में अमर हो गए उसी तरह छोटा-छोटा मगर भावुक कर देने वाले सहयोग से पूरा देश परिचित हो रहा है । ऐसा ही नजारा थाना तार बाहर में नजर आया। आमतौर पर यहां अपराधी और इसी तरह के लोगों का आना जाना होता है ,जिससे यहां का वातावरण असहज रहता है लेकिन रविवार शाम को इसी थाने में भावनाओं का ज्वार बहता नजर आया।
सरकंडा क्षेत्र की कक्षा छठवीं सेंट जेवियर स्कूल की छात्रा शांभवी साहू का जन्मदिन रविवार 5 अप्रैल को था। बच्चे अपने जन्मदिन पर पार्टी करना चाहते हैं लेकिन मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए शांभवी ने बहुत ही नेक निर्णय लिया। शांभवी साहू ने अपने पिता भागवत साहू की मदद से पुलिस से संपर्क किया और कहा कि वह अपने जन्मदिन पर अपने गुल्लक में मौजूद राशि को कोरोनावायरस के साथ जारी जंग में जरूरतमंद लोगों को भोजन सैनिटाइजर मास्क आदि प्रदान करने हेतु दान देना चाहती है। शांभवी साहू के इस नेक प्रयास की चर्चा टीआई प्रदीप आर्य ने पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल से की जिन्होंने भी प्रसन्नता जाहिर करते हुए छात्रा को प्रोत्साहित किया। रविवार शाम को अपने पिता के साथ शाम्भवी तारबाहर थाने पहुंची । शांभवी साहू ने पुलिस के सामने ही अपना गुल्लक तोड़कर गुल्लक की सारी राशि बिलासपुर पुलिस को प्रदान की। गुल्लक से करीब 6000 रु निकले। राशि भले ही बहुत बड़ी ना हो लेकिन भावनाओं के तराजू पर इसे तौले तो इसके आगे लाखों करोड़ों रुपए भी तुच्छ है। बिलासपुर पुलिस ने छठी कक्षा की छात्रा शांभवी साहू की देशभक्ति के जज्बे को सलाम किया जिसने अपना जन्मदिन इस तरह मनाने का निर्णय लिया। संभव है शांभवी साहू के इस पहल से और भी बच्चे प्रेरित होंगे। पुलिस अधिकारियों के साथ आज पूरा शहर शांभवी साहू के इस नए प्रयास की सराहना कर रहा है। शंभवी ने संभव है अपने कई जन्मदिन उल्लास के साथ मनाया हो लेकिन वो स्वयं मानती है कि उसका यह जन्मदिन सर्वश्रेष्ठ और यादगार बन गया है क्योंकि सच्चा सुख लेने में नहीं देने में है ।खासकर जरूरतमंदों की मदद करने में और शांभवी साहू इसे अपना सौभाग्य मानती है। शांभवी के पिता भागवत साहू ने भी कहा कि उनकी पुत्री आरंभ से ही परोपकारी स्वभाव की है। शंभवी ने कोरोनावायरस को लेकर एक दिलचस्प कहानी भी लिखी है, जिसमें उसने कोरोना वायरस को एक असुर की तरह पेश किया है जो अंतत: दैवीय शक्तियों के आगे परास्त होता है वहीं उन्होंने कोरोना रूपी राक्षस को समाप्त करने के लिए अपनाए जाने वाले होम आइसोलेशन और अन्य उपायों को भी इस कहानी में बड़े ही दिलचस्प ढंग से पिरोया है।