नवरात्रि की शुरुआत से पहले, इन अनावश्यक चीजों को कर दें दूर

न्यूज रूम| नवरात्रि के इस वर्ष, जो 15 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक है, महानवमी के बाद 24 अक्टूबर को दशहरा है। इस पर्व के दौरान, हर हिंदू परिवार अपने घर में मां दुर्गा के आगमन की तैयारी करता है ताकि मातारानी का आशीर्वाद उनके परिवार पर हो और उनकी उन्नति हो। हालांकि नवरात्रि के पूर्व, आपको अपने घर से कुछ वस्तुओं को निकाल देना चाहिए, जिससे नकारात्मकता फैलती है।

यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आपसे मातारानी नाराज हो सकती हैं या उनका आगमन आपके घर नहीं हो सकता है। नवरात्रि से पहले, घर की सफाई के दौरान, निम्नलिखित चीजों को घर से हटाना चाहिए:

  1. यदि आपके घर में देवी और देवताओं की खंडित मूर्तियां या फोटो हैं, ऐसी मूर्तियां हैं जो कांतिहीन हो चुकी हैं, तो उन्हें तत्काल घर से बाहर निकाल दें। उन्हें किसी पीपल या वट वृक्ष के नीचे रख दें या फिर उन्हें किसी नदी या तालाब में विसर्जित कर दें। इस प्रकार की मूर्तियों की पूजा से दोष लगता है और इन्हें घर में रखने से वास्तु दोष भी उत्पन्न होता है।
  2. यदि आपके घर में अनुपयोगी गैस चूल्हा, बेकार बिजली के उपकरण पड़े हों या किचन में टूटे-फूटे बर्तन हों, तो इन्हें घर से बाहर कर देना चाहिए। टूटे-फूटे बर्तन रखने से दरिद्रता आती है और खराब उपकरण घर में नकारात्मक ऊर्जा को पैदा करते हैं, जिससे परिवार के लोगों के विचारों और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  3. यदि आपके घर में कागज की रद्दी, फटी-पुरानी पुस्तकें, अखबार और अन्य कूड़ा आदि पड़े हैं, तो इन सब को भी घर से बाहर निकाल दें।
  4. अपने घर को अच्छी तरah से साफ-सफाई करें। इसके बाद, नवरात्रि के लिए तैयारी करें। मां दुर्गा के आगमन का स्वागत करने के लिए अपने घर को सजाएं। गंदे घरों में देवी और देवताओं का आवास नहीं होता है। पूजा घर हमारे आवास का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है और इसे साफ और सुथरा रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके लिए, आपको वहां पर पड़े पुराने कलावे, अशुद्ध फूल, खराब नारियल, टूटे हुए माला, और अन्य अप्रयोगी चीजें हटा देनी चाहिए। इन वस्तुओं के प्रात्याशित उपयोग से दोष उत्पन्न होता है। साथ ही, पूजा में बासी फूल का उपयोग भी वर्जित है|
  5. नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा की पूजा के लिए स​मर्पित हैं, और इस पूजा में पवित्रता और व्रत के नियमों का विशेष पालन किया जाता है। इसलिए नवरात्रि के दौरान तामसिक प्रकृति की वस्तुओं का उपयोग पूर्णतया वर्जित है। इस तामसिक प्रकृति की वस्तुओं में मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन, आदि शामिल हैं।

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