अश्लीलता नहीं है महिलाओं का छोटे कपड़ों में नाचना, जानिए हाईकोर्ट को ऐसा क्यों बोलना पड़ा
नई दिल्ली। बॉम्बे हाईकोर्ट का कहना है कि महिलाओं के छोटे कपड़ों में डांस करना या इशारे करने को अश्लीलता नहीं कहा जा सकता है। कोर्ट का कहना है कि इसे अनैतिक कृत्य नहीं माना जा सकता है, जिससे कोई परेशान हो। सुनवाई के दौरान अदालत ने पांच लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता यानी IPC की धारा 294 (अश्लीलता) के तहत दर्ज FIR को रद्द कर दिया।
लाइव लॉ के अनुसार, जस्टिस विनय जोशी, और जस्टिस वाल्मीकि मेनेजेस की डिवीजन बेंच मामले की सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने कहा, ‘हमारा मानना है कि आरोपी क्रमांक 13 से लेकर 18 तक (महिला डांसर) के छोटे स्कर्ट्स पहनना, उत्तेजक डांस करना या इशारे करने के कृत्य को, जिन्हें पुलिस अधिकारियों ने अश्लील माना, उन्हें अश्लील नहीं कहा जा सकता है।’ बेंच ने कहा कि वे भारतीय समाज के मौजूदा मानदंडों के बारे में जानते हैं, लेकिन आज के समय में महिलाओं का ऐसे कपड़े पहनना सामान्य है और स्वीकार्य भी है। कोर्ट ने कहा, ‘हम कई बार फिल्मों में कपड़े पहनने के तरीकों को देखते हैं, जिन्हें सेंसरशिप में पास कर दिया गया है या सौंदर्य प्रतियोगिताओं में ऐसा देखते हैं, जिससे किसी को परेशानी नहीं हो रही। इस मामले में IPC की धारा 294 लागू नहीं होती है।’
क्या था मामला
पुलिस ने एक रिजॉर्ट और वॉटर पार्क के बैंक्वेट हॉल पर रेड की थी, जहां 6 महिलाएं कथित तौर पर छोटी स्कर्ट्स में नाच रही थीं और आवेदक उन पर रुपये उड़ा रहे थे। पुलिस ने महिलाओं और पुरुषों, दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था। सुनवाई के बाद कोर्ट ने 5 पुरुषों के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द कर दिया। कोर्ट का कहना है कि अगर कृत्य सार्वजनिक जगह पर किया गया है, अशलील हो या उससे किसी को परेशानी हो रही हो तो धारा 294 लगाई जा सकती है। हालांकि, ये मामला सार्वजनिक जगह पर ही था, लेकिन कोर्ट ने माना कि न तो वह अश्लील था और न ही उससे किसी को परेशानी हो रही थी।