लॉकडाउन के दौरान भी बनाए जा रहे हैं राशन कार्ड
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के जिन परिवारों का राशनकार्ड नहीं बना है, उनका राशन कार्ड बनाने एवं जिन परिवारों के सदस्यों का नाम राशनकार्ड में नहीं जुड़ पाए हैं ऐसे छूटे हुए पात्र सदस्यों का नाम राशन कार्ड में जोडऩे के निर्देश दिए गए हैं। जिसके तहत खाद्य विभाग द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए किए गए लॉकडाउन के दौरान भी नवीन राशन कार्ड बनाए जा रहे हैं और किन्हीं कारणों से छूटे हुए सदस्यों का नाम भी जोड़े जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर लॉकडाउन के दौरान सभी के लिए भोजन, रहवास और चिकित्सा सुविधा सहित सभी मूलभूत जरूरतों की चीजें मुहैय्या कराई जा रही है । खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत खाद्यान्न आपूर्ति की निरंतर मानीटरिंग कर रहे हैं।
खाद्य विभाग के अधिकारयों ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान राज्य में जिन लोगों के पास राशनकार्ड नहीं है, ऐसे लगभग 3 हजार 321 परिवारों को नवीन राशनकार्ड जारी किया गया है। इसी तरह इस दौरान लगभग 3 हजार 890 ऐसे नवीन सदस्यों के नाम राशनकार्ड में जोडे गए हैं, जिनके नाम पूर्व में किन्हीं कारणों से छूट गए थे। खाद्य विभाग द्वारा पात्र हितग्राहियों का राशनकार्ड बनाने व छूटे हुए पात्र सदस्यों के नाम जोडऩे की कार्यवाही निरंतर की जा रही है। राशनकार्ड के लिए पात्र हितग्राहियों द्वारा संबंधित नगरीय निकायों, ग्राम पंचायत में निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्रस्तुत करने पर परीक्षण उपरांत पात्र पाए जाने पर नियमानुसार राशनकार्ड जारी किए जाते हैं। राज्य के ऐसे राशनकार्डधारी जो अपने शहर या गांव के स्थान पर वर्तमान में किसी अन्य जगह पर अस्थायी रूप से रूके हैं, उनके लिए उनके निवास के निकटतम उचित मूल्य दुकानों से राशन प्राप्त करने की व्यवस्था भी खाद्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई है।
राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम व इसके बचाव के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रभावी कदम उठाए गए हैं। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा लॉकडाउन के दौरान राज्य में निवासरत राशनकार्डधारियों, प्रवासी श्रमिकों एवं बेघरबार व्यक्तियों के भोजन के लिए चावल की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु अनेक ठोस उपाय किए गए हैं। राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वर्तमान में 65 लाख 38 लाख राशनकार्ड प्रचलित हैं। इनमें से 56 लाख 55 हजार अन्त्योदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित, अन्नपूर्णा एवं नि:षक्तजन राषनकार्डधारियों को 02 माह (अप्रैल एवं मई, 2020) का चावल नि:शुल्क वितरण किया जा रहा है। चावल के साथ 02 माह का शक्कर, नमक भी एकमुश्त वितरण किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त 8 लाख 81 लाख सामान्य (एपीएल) राशनकार्डधारियों को निर्धारित पात्रतानुसार 10 रूपए प्रति किलो की रियायती दर पर खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है। राज्य में अब तक लगभग 40 लाख 40 हजार राशनकार्डधारियों को खाद्यान्न का वितरण किया जा चुका है.
राशनकार्डधारियों के अतिरिक्त अन्य जरूरतमंदों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के उद्देश्य से खाद्य विभाग द्वारा राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में 02-02 क्विंटल चावल का अतिरिक्त आबंटन जारी किया गया है। इसी तरह राज्य के नगरीय क्षेत्रों एवं इसके आस-पास संचालित राहत शिविरों, अस्थायी आश्रय स्थलों एवं क्वेरेनटाईन शिविरों में निवासरत प्रवासी श्रमिकों, बेघरबार व्यक्तियों व जरूरतमंदों के लिए कुल 239 क्विंटल चावल का आबंटन जिलों को प्रदाय किया गया है। जिला प्रशासन द्वारा भी जरूरतमंदों के लिए स्थानीय स्तर पर भोजन और राशन की व्यवस्था नियमित रूप से की जा रही है। लॉकडाउन के दौरान राज्य में जिला प्रशासन द्वारा अब तक कुल 04 लाख 99 हजार लोगों को भोजन उपलब्ध कराया गया है और लगभग 03 लाख 87 हजार लोगों को नि:शुल्क राशन प्रदान किया गया है। जिला प्रशासन के अलावा राज्य की स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा भी 04 लाख 15 हजार लोगों को भोजन एवं खाद्यान्न की व्यवस्था उपलब्ध कराई जा चुकी है।
नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत कार्यरत सभी उचित मूल्य की दुकानों के सेनेटाईजेशन की व्यवस्था के लिए खाद्य विभाग द्वारा निर्देश दिए गए हैं। जिसके तहत उचित मूल्य दुकानों में खाद्यान्न वितरण के दौरान हितग्राहियों के मध्य कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखकर एवं हितग्राहियों के हाथों को समुचित रूप से धुलाकर और सेनेटाईज कर राशन वितरण किया जा रहा है।