ध्वनि प्रदूषण करने वालों पर होगी सख्ती, सभी अस्पताल और हाई कोर्ट परिसर में साइलेंस जोन घोषित

रायपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने प्रदेश में हो रहे ध्वनि प्रदूषण और डीजे साउंड को लेकर राज्य शासन को कड़े निर्देश दिए हैं। डीजे से हो रहे ध्वनि प्रदूषण पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के साथ हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई की। अब ध्वनि प्रदूषण करने वालों पर सख्ती बरती जाएगी। ध्वनि प्रदूषण मामले में जनहित याचिका की सुनवाई 31 दिसंबर को होगी। सभी अस्पताल और हाई कोर्ट परिसर में साइलेंस जोन होगा। मुख्य सचिव से हाईकोर्ट ने शपथ पत्र मांगा है।

बता दें कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बिलासपुर शहर में हो रहे लगातार साउंड पॉल्यूशन को लेकर पिछले वर्ष धार्मिक आयोजन और प्रतिमा विसर्जन में बजने वाले डीजे पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया था। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा, जस्टिस अरविंद कुमार चन्देल की डबल बेंच ने शासन को ध्वनि प्रदूषण मामले में हुई कार्रवाई की जानकारी शपथपत्र के साथ देने को कहा है।  दरअसल, आदेश का पालन नहीं करने वाले डीजे संचालकों पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी सड़कों पर डीजे के कानफोड़ू शोर से हो रही दिक्कतों पर चीफ जस्टिस ने दो माह पहले 29 सितंबर को स्वत: संज्ञान लिया था, जिसमें कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट और छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के इस विषय पर दिए गए पहले के आदेशों का उल्लेख करते हुए इनके पालन के संबंध में मुख्य सचिव को रिपोर्ट देने का अंतरिम आदेश दिया था।

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