करारी हार झेलने के बाद कांग्रेस का ई.वी.एम पर निशाना, भाजपा ने पराजित होने के बाद कभी भी नही लगाया आरोप
दुर्ग (चिन्तक)। म.प्र. राजस्थान और छत्तीसगढ़ में करारी पराजय झेलने के बाद हार की समीक्षा करने की बजाय अब कांग्रेस ईवीएम को निशाना बना रही है। कांग्रेस द्वारा हार की ठिकरा ई.वी.एम. पर फोड़े जाने की तीखी प्रतिक्रिया है। लोग इसे घाव पर मलहम लगाने का प्रयास मान रहे है।
यहां गौरतलब है कि मोदी सरकार के सत्तीसीन होने से पहले कांग्रेस केन्द्र में लगातार दस वर्ष तक काबिज थी। कांग्रेस ने दो बार के लोकसभा के चुनाव में बहुमत हासिल किया। यह दोनो चुनाव ई.वी.एम पर हुआ था। कांग्रेस के लगातार दो बार चुनाव जीतने पर विपक्ष में रही भारतीय जनता पार्टी ने कभी भी ई.वी.एम पर सवाल नही उठाए थे। इसके बाद जब 2014 में केन्द्र ने भाजपा की सरकार बहुमत के साथ सत्तासीन हुई तब कांग्रेस ने भाजपा की जीत के लिए ई.वी.एम को आधार बताना शुरू कर दिया। इसके बाद जब 2019 में दुबारा भाजपा सत्तासीन हुई तब भी कांग्रेस ने ई.वी.एम को इसके लिए जिम्मेदार बताया।
इस बीच दिल्ली पंजाब पश्चिम बंगाल में चुनाव हुए। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की दुबारा सरकार बनी। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार बनी इन राज्यो की पार्टियों ने ई.वी.एम का जिक्र कभी नही किया। इसके बाद कर्नाटक हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में चुनाव हुए। कर्नाटक हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी। इस पर भाजपा ने ई.वी.एम पर सवाल नही उठाए। उत्तराखंड के जनादेश को स्वीकार किया।
यहां यह बताना लाजिमी होगा कि पिछले चुनाव में म.प्र. छत्तीसगढ और राजस्थान तीनो राज्यों में कांग्रेस को ई.वी.एम. पद्धति से हुए चुनाव में बहुमत मिला था। म.प्र। में कांग्रेस के विधायक अलग हुए तब भाजपा की सरकार बनी। इस पर भाजपा ने कभी ई.वी.एम. को निशाना नही बनाया। अब जब वर्ष 2023 के चुनाव में राज्य की जनता ने म.प्र. राजस्थान और छत्तीसगढ़ मेंं भाजपा की सरकार बना दी है तब फिर कांग्रेस ने ई.वी.एम. पर निशाना बनाना शुरू कर दिया है।
म.प्र. के कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्र दिग्विजय सिंह ई.वी.एम. को हैंक करने का बयान दे रहे हैं। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव भी इसमें कूद पड़े है। जबकि निर्वाचन आयोग ने ई.वी.एम.को हैक करने अथवा इसमें किसी भी तरह का छेड़छाड़ करने की बातों को नये सिरे से नकार दिया है। कांग्रेस द्वारा हार का ठिकरा ई.वी.एम. मशीन पर फोड़े जाने से राज्य की जनता में इसकी तीखी प्रतिक्रिया है। इससे कांग्रेस की ही सबसे ज्यादा फजीहत हो रही है।