सरकारी जमीन में लैंड माफियाओं ने किया फर्जीवाड़ा, कलेक्टर ने राजस्व विभाग की भूमिका की भी शुरु करा दी जांच
अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाले मैनपाट में जमीन फर्जीवाड़े का ऐसा खुलासा हुआ है जिसने प्रशासन की नींद उड़ा दी है। अब आलम ये है कि यहां जमीन माफियाओं ने न सिर्फ नर्सरी बल्कि स्कूल व खेल मैदान की जमीन पर भी कब्जा कर उसे निजी खातों में दर्ज करा लिया। जमीन के इस फर्जीवाड़े में करीब 112 हेक्टेयर जमीन निजी खातों से शासकीय खाते में दर्ज कराई गई है साथ ही अब कलेक्टर ने इस मामले में राजस्व विभाग की भूमिका की भी जांच शुरु करा दी है।
दरअसल, मैनपाट जो अपने प्राकृतिक सुंदरता के लिए न सिर्फ प्रदेश बल्कि देशभर में अपनी अलग पहचान के लिए जाना जाता है यहां पर्यटन के बढ़ावे के साथ-साथ जमीनों की कीमतों में भी इजाफा हुआ है यही कारण है कि जमीन माफियाओं की नजर यहां गड़ गई है। यहां जमीन के फर्जीवाड़े का एक ऐसा खुलासा हुआ है जिसने सबको हैरत में डाल दिया है।
बता दें कि मैनपाट के नर्मदापुर, कमलेश्वरपुर, कंडराजा जैसे इलाकों में 50 से ज्यादा रसूखदार लोगों ने शासकीय मद की करीब 112 हेक्टेयर जमीन निजी खातों में दर्ज करा ली है। गंभीर बात ये है कि कुछ दिन पूर्व शासकीय खातों में दर्ज इस जमीन का कोई भी दस्तावेज जमीन फर्जीवाड़ा करने वालों के पास मौजूद नहीं है मगर अपने रसूख के दम पर नर्सरी, स्कूल भवन की जमीन, खेल मैदान और निस्तारी की जमीन भी निजी खातो में दर्ज हो गई। इस मामले के सामने आने के बाद कलेक्टर कुंदन कुमार ने 112 हेक्टेयर जमीन को निजी खाते से शासकीय खाते में दर्ज कराया है साथ ही मामले की जांच भी शुरू की गई है।