गरीब व मध्यम वर्ग को नही मिल पा रहा है जन औषधि केन्द्र का लाभ, कमीशन व लाभ के चक्कर में डाक्टर लिख रहे हैं ब्राण्डेड दवा

दुर्ग(चिन्तक)। अंंचल के गरीब व मध्यम वर्ग के लोगों को जन औषधि केन्द्र का लाभ नही मिल पा रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि कमीशन व लाभ के चक्कर में डाक्टर ब्रान्डेड दवाईयां लिख रहे है ।वहीं जिला अस्पताल मे चिकित्सको द्वारा बाहर की दवाईयो को लिखना बंद कर दिया गया है।यहां मरीजों को सस्ते दर पर दवा उपलब्ध हो रही है।

उल्लेखनीय है कि गरीब व सामान्य वर्ग के मरीजो को सस्ते दर पर हर तरह की दवा की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा जन औषधि केन्द्र खोला गया है। दुर्ग शहर के विभिन्न स्थानो मे लगभग एक दर्जन से अधिक जन औषधि केन्द्र संचालित है। इन औषधि केन्द्रो में सामान्य प्रकार के रोगों की हर तरह की दवाईयां सस्ते दर में उपलब्ध है। ब्राण्डेड दवाईयों के मुकाबले जन औषधि केन्द्र से मिलने वाली जेनरिक दवाईयों के दरों में भी भारी अंतर है।

लेकिन अंचल के निजी चिकित्सक केवल ब्रान्डेड दवाई लिखने का काम कर रहे हैं इनके द्वारा जेनरिक दवाइयां नही लिखी जा रही है। चिकित्सक लाभ व कमीशन के लालच में एम.आर. के प्रलोभन से यह काम कर रहे हैं इससे मरीजों को सस्ती दवाईयों का लाभ नही मिल पा रहा है।

जन औषधि केन्द्र में मिल सकती है दवाएं
जन औषधि केन्द्र के संचालकों ने स्वीकार किया है कि चिकित्सक जेनरिक दवाइयां लिखने से परहेज करते है और ब्रान्डेड दवाइयां ही लिखते है। उन्होने कहा कि इनके पास कई ब्राण्डेड दवाईयों की पर्ची लेकर लोग आ जाते है। ऐसे लोगों को दवा के फार्मूले के हिसाब से जेनरिक दवाईयां उपब्ध कराई जाती है ताकि लोगो को लाभ मिल सके। उन्होने कहा कि जेनरिक किस्म की दवाईयां उपलब्ध है।

ब्रान्डेड दवा बेचने वालों का अभिमत अलग
इधर ब्रान्डेड दवाइयों का विक्रय कर रहे मेडिकल स्टोर्स के संचालकों का अभिमत अलग है। उनका कहना है कि सामान्य तौर पर भोजन करने मनुष्य चांवल खाता है किसी का पेट दो रूपए किलो वाले चांवल से भी भर जाता है कोई मासूरी या दुबराज का चांवल खाता है। जेनरिक व ब्रान्डेड दवाइयो के असर में भी इसी तरह का फर्क है।

ब्रान्डेड दवाइयों में ए.पी.आई (एक्टिव फार्मा इंक्रीडेन्ट) की मात्रा इसकी एक्सपायरी और क्वालिटी के लिए मिलाई जाती है इसके रा मटेरियल भी क्वालिटी के होते है। ब्रान्डेड दवा को उपचार में जेनरिक के मुकाबले ज्यादा असरकारक माना जाता है। लेकिन हम ब्रान्डेड के साथ जेनरिक दवाईयां भी रखते है। डाक्टर यदि जेनरिक दवा लिखे तो इसकी उपलब्धता भी संभव है।