देश में कोरोना का खतरा: एयरपोर्ट पर देश के बाहर से आ रहे सिर्फ 2% लोगों की हो रही जांच…


रायपुर| अमेरिका, ब्रिटेन, स्पेन, पुर्तगाल और चीन जैसे देशों में लोगों को संक्रमित करने वाले कोविड-19 के नए सब-वैरिएंट जेएन.1 की भारत में भी एंट्री हो चुकी है| देशभर में अब तक इसके 21 नए मामले हैं, जिसने लोगों की चिंता बढ़ा दी है| बावजूद इसके अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर हर फ्लाइट से आने वाले सिर्फ 2 प्रतिशत यात्रियों की ही कोरोना जांच की जा रही है| किन दो प्रतिशत यात्रियों की कोरोना जांच करानी है, इसकी पहचान एयरलाइन्स ही करती है| ऐसे में सवाल उठता है कि, क्या सिर्फ 2 प्रतिशत यात्रियों की जांच काफी है? कोरोना की 3 लहर झेलने के बावजूद देश में कोरोना को एक बार फिर क्यों न्योता दिया जा रहा है|
इस मामले पर छत्तीसगढ़ राज्य के महामारी नियंत्रक डॉक्टर सुभाष मिश्रा ने बताया कि, अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर रेंडमली 2% लोगों का सैंपल लिया जा रहा है| राज्य में कोविड टेस्ट करने के साथ साथ सर्विलांस बढ़ाने की बात कही गई है| लेकिन स्थानीय एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन में जांच करने के लिए अभी कोई दिशा निर्देश नहीं दिया गया है| अगर किसी विदेशी यात्री में कोई लक्षण हो तब ही उसकी जांच की जाएगी|
डॉ सुभाष मिश्रा ने बताया कि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आज सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ हाई लेवल मीटिंग लेकर कोरोना के नए वेरिएंट के संक्रमण के खतरे और उससे निपटने की तैयारियों पर चर्चा की और इसकी रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं| फ़िलहाल राज्य के सभी ज़िलों में कोरोना टेस्ट करने के लिए निर्देश दिए गए हैं| नए वायरस का लोड जानने के लिए जीनोम सीक्वेंस जांच के लिए भी आदेश जारी किया गया है|
कोविड-19 का यह सब-वैरिएंट सबसे पहले यूरोपीय देश लक्जमबर्ग में मिला था| यह ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट से आया है, इसका सोर्स पिरोला वैरायटी BA.2.86 है| इसमें स्पाइक प्रोटीन आल्टरेशन हैं, जो इसे अधिक संक्रामक और इम्यून सिस्टम को चकमा देने वाला बना देते हैं| कोरोना यह नया वेरिएंट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संक्रमण में बढ़ोतरी का कारण बन रहा है| अमेरिका, ब्रिटेन, आइसलैंड, स्पेन, पुर्तगाल, नीदरलैंड और हाल ही में चीन सहित अलग-अलग देशों में इसकी मौजूदगी मिली है| अब इस फेहरिस्त में भारत का नाम भी जुड़ गया है| भारत का सवाल है तो जेएन.1 का पहला मामला 8 दिसंबर को सामने आया था| केरल में 79 साल की एक बुजुर्ग महिला इससे संक्रमित हुई थी|