आईएएस आईपीएस अधिकारियों के लिए गृह मंत्रालय ने सख्त आदेश किया जारी

दिल्ली। केंद्रीय डीओपीटी और गृह मंत्रालय ने आईएएस आईपीएस अधिकारियों के लिए सख्त हिदायत जारी की हैं। ये हिदायत उनकी संपत्ति के ब्यौरे को लेकर हैं। सभी अधिकारियों को हर साल अपनी ‘अचल संपत्ति रिटर्न’ (आईपीआर), मंत्रालय के पास जमा करानी होती है। देखने में आया है कि कई अधिकारी, इस मामले में ढिलाई बरतते हैं। समय पर आईपीआर दाखिल नहीं होती। अब केंद्रीय डीओपीटी गृह विभाग ने इस मामले में सख्ती बरतते हुए अगले साल 31 जनवरी तक सभी अधिकारियों को अपना ‘अचल संपत्ति रिटर्न’ जमा कराने का निर्देश दिया है।

अगर कोई, ऐसा करने में असफल रहता है, तो उसे किसी तरह की माफी या छूट नहीं मिलेगी। जो भी अधिकारी, आईपीआर नहीं भरेगा, उसे विजिलेंस क्लीयरेंस यानी सतर्कता मंजूरी नहीं मिलेगी। इसका असर उनके करियर पर पड़ सकता है। अफसरों की पदोन्नति, प्रतिनियुक्ति या उनके वेतनमान के अगले पड़ाव तक का सफर मुश्किल हो सकता है।

डीओपीटी और गृह मंत्रालय ने तीन दिन पहले यह आदेश जारी किया है। देशभर के सभी भारतीय प्रशासनिक और पुलिस सेवा के अधिकारियों को अगले साल 31 जनवरी तक आईपीआर जमा करानी होगी। इस बाबत मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के मुख्य सचिवों एवं पुलिस महानिदेशकों को पत्र लिखा है कि वे तय प्लेटफार्म के माध्यम से आईपीआर जमा कराना सुनिश्चित करें। निर्धारित आईडी और पासवर्ड का उपयोग कर 31 जनवरी 2024 तक ऑनलाइन आईपीआर दाखिल की जाए। अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम, 1968 के नियम 16 (2) के संदर्भ में, सभी अधिकारियों को पिछले वर्ष के संबंध में 31 जनवरी तक निर्धारित फॉर्मेट में अचल संपत्ति रिटर्न (आईपीआर) जमा करानी होगी। इस संबंध में आईएएस आईपीएस अधिकारी, स्पैरो (स्मार्ट परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट रिकॉर्डिंग ऑनलाइन विंडो) पर जानकारी हासिल कर सकते हैं। स्पैरो के तहत पहले से जारी डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र (डीएससी) का उपयोग कर उसे प्रमाणित किया जाना आवश्यक है। आईपीआर जमा कराने की अन्य कोई दूसरी प्रक्रिया, स्वीकार नहीं की जाएगी।

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