व्यापम घोटाले में 10 साल बाद आया बड़ा फैसला, CBI कोर्ट ने तीन आरोपियों को सुनाई 4 साल की सजा
ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर की विशेष सीबीआई अदालत ने व्यापम मामले में तीन आरोपियों को सजा सुनाई है। आरक्षक भर्ती मामले में मुन्नाभाई, दलाल और सॉल्वर को जेल की सजा हुई है। कोर्ट ने पुलिस कांस्टेबल भर्ती-2013 परीक्षा से मामले में अभ्यर्थी सतेंद्र सिंह यादव और नकलची जितेंद्र कुमार को 4-4 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। आरोपियों पर 14,100 रुपये जुर्माना भी लगाया गया है।
परीक्षा को व्यापम ने आयोजित कराया था। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में 18 अगस्त 2015 को तत्काल मामला दर्ज किया था। मामले में मुरैना निवासी मुन्ना भाई दधिबल सिंह को 4 साल की सज़ा सुनाई है। फिरोजाबाद निवासी दलाल विजय तामरे, फिरोजाबाद निवासी सॉल्वर सुनील कुमार को कोर्ट ने 4-4 साल की सजा सुनाई है। आरोपी सॉल्वर ने मुरैना केंद्र पर दधिबल की परीक्षा दी थी।
सीबीआई ने इस केस में दोनों आरोपियों के खिलाफ 18 अगस्त 2015 को कंपू थाने में एफआईआर दर्ज की थी। इस दौरान सीबीआई ने जांच में पाया कि मधुराज सिंह (लाभार्थी उम्मीदवार) पीसीआरटी-2013 (द्वितीय) की लिखित परीक्षा में उपस्थित नहीं हुए थे। सीबीआई ने आरोपी के खिलाफ 26.04.2016 को पहली पूरक आरोप पत्र दायर किया। विशेष न्यायाधीश, सीबीआई (व्यापम मामले), ग्वालियर (मध्य प्रदेश) ने 24 दिसंबर 2018 के फैसले में मधुराज सिंह को जुर्माने के साथ 5 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी।