हिट एण्ड रन कानून गैर जिम्मेदार वाहन चालकों के लिए है प्रभावी, जाने क्या है भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (2) का सही अर्थ

दुर्ग (चिन्तक)। भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 में उपधारा (2) में एक अतिरिक्त प्रावधान जन स्थितियों से संबंधित है। जहां अपराधी घटना के बाद पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट किए बिना घटना स्थल से भाग जाता है। ऐसे मामलों में सजा को कड़ी करके अधिकतम 10 साल करके जुर्माना भी बढ़ाया गया है।
उल्लेखनीय है पिछले कुछ वर्षो के अंतराल में हिट एण़्ड़ रन के मामले में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोतरी हुई है। इसलिए भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (2)के तहत एक नया प्रावधान किया गया है।
वर्तमान में हिट एण्ड रन के सामने आए मामलो में लापरवाही पूर्ण तरीके से वाहन चलाने की वजह से आम लोगों की मृत्यु हुई है और हो रही है ऐसे मामले में आई पीसी की धारा 304 (ए) के तहत प्रकरण दर्ज किया जाता है जिसमें अधिकतम दो साल की सजा होती है। वर्ष 2021 की दिल्ली रोडक्रेश रिपोर्ट के अनुसार 355 मामले सामने आए जहां अपराध में शामिल वाहनो के पंजीकरण की संख्या अज्ञात थी जो सीधे तौर पर हिट एण्ड रन का मामला है।
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सुप्रीम कोर्ट ने कई मामलो में बढ़ती वाहन दुर्घटना के मद्देनजर अपर्याप्तता पर टिप्पणी की थी। इसी वजह से धारा 106 (2) में एक नया प्रावधान जोड़ा गया है। नया प्रावधान धारा 106 (2) को हिट एण्ड रन दुर्घटनाओं को कवर करने व दुर्घटनाओं की तुरंत रिपोर्टिंग को सुनिश्चित करने के लिए जोड़ा गया है। इसे वर्ष 2019 में मोटर वाहन अधिनियम 1988 में पेश किए गए शब्द गोल्डन आवर के भीतर पीडि़त को बचाने के उद्देश्य से किया गया है।
ऐसे वाहन चालक जो एक्सीडेंट के बाद किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को सूचना दिए बगैर भाग खड़े होते हैं और घायल व्यक्ति का गोल्डन आवर चला जाता है ऐसे गैर जिम्मेदार वाहन चालको पर यह कानून प्रभावशील होगा।
क्या करे वाहन चालक
यदि किसी वाहन चालक से एक्सीडेंट हो जाता है तो वह अपने मोबाइल से पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को तुरंत सूचना देवें या थाने में स्वयं जाकर सूचना दें ताकि पीडि़त व्यक्ति को समय पर इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा सके। इससे वाहन चालक को भी कानून राहत मिल सकेगी।
यहां यह समझना आवश्यक है कि सड़क दुर्घटना से घायल व्यक्ति स्वयं वाहन चालक हो सकता है इसके परिवार के सदस्य भी हो सकते है इसलिए सड़क दुर्घटना की जानकारी देना वाहन चालक की नैतिक ही नही बल्कि कानूनी जिम्मेदारी होगी। हिट एण्ड रन में जोड़े गए नये प्रावधान का यह मानवीय पहल है।