सेना से रिटायर्ड फौजी बच्चों को सिखा रहे तीरंदाजी, नन्हें खिलाड़ी कर रहे चरोदा का नाम रोशन

भिलाई| चरोदा के साउथ ईस्टर्न सेंट्रल रेलवे बीएमवाय के ग्राउंड में सेना के रिटायर्ड फौजी उमेश बघेल बच्चों को तीरंदाजी (आर्चरी) की मुफ्त ट्रेनिंग दे रहे हैं। 25 बच्चों को वे सप्ताह में तीन दिन तीरंदाजी की बारीकियां सिखाते हैं। फिर बाकी दिन बच्चे स्टेट प्लेयर राजेश कुमार साहू और ए अनुराधा राव के मार्गदर्शन में अभ्यास करते हैं।

पांच से 18 साल के इन खिलाड़ियों में 10 बेटियां भी शामिल हैं। खास बात यह है कि ट्विनसिटी में सुविधाओं का अभाव है। खुले मैदान में ही लगातार अभ्यास करके यहां के 20 बच्चे स्टेट और 15 नेशनल स्पर्धा में भाग ले चुके हैं। इनमें हरीश कड़व बोलने-सुनने में सक्षम नहीं है, लेकिन नेशनल ओपन प्लेयर है।

खुशबू साहू, मोहित मस्तावर, उमीश साहू और सूर्यांश सहू के पास रिकर्व किट ​है। वहीं ए. उपांशु राव, ए. अमीषा राव, निशा मस्तावर, शैली यादव, पलक यादव, अभिनव, अभिनय, वेदांत शर्मा, अर्चना, रिया सेन, रिया साव अरनव साहू, भावेश, हरीत, सामर्थ कुमार, औरको, रत्नेश और अधीश्री इंडियन किट से अभ्यास करते हैं। ये सभी बच्चे स्टेट और नेशनल चैंपियनशिप में भाग ले चुके हैं।

चरोदा में तीरंदाजी सेंटर खोलने की प्रेरणा राजेश साहू को पूर्व जूनियर विश्व चैंपियन पद्मश्री पलटन हांसदा को रोज अभ्यास करते हुए देखने से मिली। राजेश बिलासपुर रेलवे में पदस्थ थे, उस समय हांसदा की भी वहां नियुक्ति हुई थी। बाद में राजेश का स्थानांतरण चरोदा में हो गया। उन्होंने ए. अनुराधा राव के साथ मिलकर पहल की। अनुराधा ने कोच उमेश बघेल का पता लगाया।

इसके बाद सभी ने मिलकर SECR बीएमवाय प्रबंधन के समक्ष प्रस्ताव रखा। समन्वयक डी. विजय कुमार, सीनियर सेक्शन इंजीनियर प्रदीप गिरी, अनुराग शुक्ला, अनिल यादव एवं अन्य अधिकारियों की मदद से रेलवे स्कूल ग्राउंड में इसकी शुरुआत की। बाद में रेलवे ने ही अलग से ग्राउंड उपलब्ध करवाया। अब भी जरूरत की सभी सुविधाएं SECR बीएमवाय प्रबंधन ही मुहैया कराता है।