छत्तीसगढ़ कांग्रेस मुख्यालय आर्थिक संकट में!

रायपुर। छत्तीसगढ़ में इन दिनों ईडी की रेड ने सियासत को सर्द मौसम में गर्म किया हुआ है। देखा जा रहा है कि जिन नेताओं के यहां ईडी की रेड पड़ी है या जिन नेताओं का नाम ईडी के रेड में शामिल है उनमें से कई बड़े चेहरे लगभग गायब हो गए हैं। उनमें प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रहे रामगोपाल अग्रवाल का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। जो फिलहाल कांग्रेस भवन में दिखाई नहीं दे रहे हैं। महत्वपूर्ण बात ये है कि कांग्रेस भवन में एकाउंट सम्हाल रहे एकाउंटेंट देवेंद्र पटेल भी गायब है। लोग तो यह भी कयास लगा रहे हैं कि उसका मर्डर भी हो गया है। वही कुछ लोग तो दबी जुबान से यह भी बोल रहे हैं कि या तो उसे विदेश भेज दिया गया है या किडनैप कर लिया गया है। क्योंकि ईडी के नजर में वह महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकती है।

कांग्रेस के कुछ नेता यह भी बोल रहे हैं कि पिछले दो माह से शंकर नगर स्थित प्रदेश कांग्रेस का मुख्यालय राजीव भवन की बिजली बिल भी नहीं पटा है। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि दो माह पहले तक कांग्रेस के खाते में करोड़ों रूपये होते थे लेकिन आज की स्थिति में जीरो बैलेंस है। देखा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में अक्टूबर 2022 से लगातार ईडी की कार्रवाई चल रही है। कभी अधिकारियों को पकड़ा जा रहा है तो कभी कांग्रेस के नेताओं को। ईडी के दावे के अनुसार पहले 500 करोड़ रुपये के कोयला घोटाला हुआ फिर 2 हजार करोड़ का शराब घोटाला किया गया। गौरतलब है कि इन दोनों मामलों पर एक दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कई जेल में हैं तो कई जमानत पर हैं। चूँकि आगामी कुछ माह में लोकसभा का चुनाव होना है, ऐसे में सियासत गरमाई हुई है। दोनों पार्टी के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है।

ईडी की कार्रवाई से संतुष्ट बीजेपी के नेताओं ने दावा किया कि अधिकारियों और व्यवसायियों के बीच बातचीत के ऑडियो एजेंसियों ने न्यायालय में पेश किए हैं। इसके अलावा हजारों दस्तावेजी सबूत ईडी और आईटी ने रायपुर दिल्ली और भोपाल में दर्ज मामलों में पेश किए हैं। इन दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों से यह दिन के उजाले की तरह साफ है । इसके अलावा कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपाइयों का कहना है कि यह कार्यवाही सिर्फ और सिर्फ कांग्रेसियों की कर्मों का परिणाम है। जब भ्रष्ट अधिकारियों व कुछ लोगों पर ईडी एवं आईटी के छापे की कार्यवाही हो रही तो कांग्रेस क्यों परेशान है। कांग्रेस का हाथ क्या भ्रष्टाचारियों के साथ है इस पर कांग्रेस को अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए।

प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक बैज फंड की कमी और कांग्रेस के खाते में जीरो बैलेंस की जानकारी होने पर काफी परेशान हैं। पिछले महीने तक करोडो रूपये खाते में थे, अब अचानक रूपये कहां गया इस बात पर काफी हैरान हैं। यह भी कहा जा रहा है कि गार्ड और चौकीदार को वेतन भी नहीं दिया गया है। और तो और कांग्रेस मुख्यालय का एक टेलीफोन भी काट दिया गया है। सभी कर्मचारियों के वेतन के भी लाले पड़े है।

कांग्रेस के सूत्र यह भी बताते हैं कि जो नेता विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाए उन्हीं नेताओं को लोकसभा की टिकट बांटने की जिम्मेदारी दी गई है। जो खुद चुनाव नहीं जीत पाए, वे अब लोकसभा में प्रत्याशियों को जिताने के लिए टिकट का बंटवारा करेंगे। यूपी -बिहार से लाकर बसाए हुए गुंडा-माफिया, गांजे के ठेकेदार किस्म के लोगों को पार्टी में मुख्य कार्य दिया गया है जबकि पुराने और सच्चे ओरिजनल कांग्रेसी परिवार को दरकिनार कर दिया गया है। उसका गुस्सा जमीनी कार्यकर्ताओं में देखा गया था, जिसका खामियाजा विधानसभा में भुगतना पड़ा। कुछ नेताओं ने इस बात पर हैरानी जताते हुए कहा कि जो लोग कांग्रेस में गुटबाजी को बढ़ावा देते हुए चुनाव लड़े और जीत नहीं पाए उन पर भरोसा करना अपने पैर में कुल्हाड़ी मारना साबित होगा। कांग्रेस आलाकमान को ऐसे लोगों पर बारिकी से नजर रखना चाहिए वर्ना लोकसभा की पूरी 11 सीट भी ये बहुरूपिये नेता हरवा देंगे। अब हारे पिटे नेता प्रदेश में काग्रेस की नैया डुबाने के बाद राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने इंफाल जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में तो ख़ुद काग्रेस के जमीनी कार्यकर्ताओं को और जनता को जोड़ नहीं सके और न्याय नहीं कर सके, वे देश की जनता को जोडऩे और न्याय करने यात्रा में शामिल होने जा रहे हैं। ऐसा ही सभी पुराने और सच्चे कांग्रेसियों का कहना है और कांग्रेस के वरिष्ठ नेतागण इन फर्जी नेताओं के कारण कांग्रेस भवन जाना लगभग बंद कर चुके है। तब ऐसे में कांग्रेस की परंपरा और विचारधारा पर कांग्रेस कैसे आगे बढ़ेगी?