RBI के गाइड लाइन का उल्लंघन: फर्जी नाम के सहारे एक ही व्यक्ति ने खुलवाया दो अलग बैंक एकाउंट, जाने क्या है पूरा माजरा

डोंगरगढ़। राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत भण्डारपुर स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में आरबीआई की गाइड लाइन को ताक में रखकर एक ही व्यक्ति के दो अलग-अलग नाम से खाता खोला गया है जो आरबीआई के गाइड लाइन का खुलेआम उल्लंघन है। बता दें कि इस बैंक में उदेलाल वर्मा पिता टीकमसिंह वर्मा निवासी बनबोड़ बचत खाताधारक है। वहीं उमाशंकर वर्मा पिता टीकमसिंह वर्मा निवासी बनबोड़ केसीसी ऋण खाताधारक है और यह दोनों एक ही व्यक्ति है जबकि आरबीआई की गाइड लाइन के हिसाब से किसी भी बैंक में एक व्यक्ति एक ही नाम से खाता खोल सकता है और एक ही हस्ताक्षर कर सकता है।

एक खाताधारक की एक ही कस्टमर आईडी, एक ही केवाईसी, एक ही युसीआईसी कोड होता है लेकिन पंजाब नेशनल बैंक शाखा भण्डारपुर में बैंक के अधिकारियों की मिलीभगत से उदेलाल वर्मा की केवाईसी तो ली गई, लेकिन उमाशंकर वर्मा की बिना केवाईसी के ही खाता खोल दिया गया और उदेलाल वर्मा ना सिर्फ उदेलाल वर्मा बल्कि उमाशंकर वर्मा का भी हस्ताक्षर करके दोनों खाते संचालन कर रहा है।

बैंक के हेड कैशियर ने सीबीआई में दर्ज की शिकायत

बता दें कि नवंबर 2013 में उदेलाल वर्मा उमाशंकर बनकर जो कि बिना केवाईसी का खाता है इसी फर्जी खाते के नाम पर पंजाब नेशनल बैंक के ही हेड कैशियर रमन राबिन सन राम की शिकायत सीबीआई भिलाई में करता है। जिसके बाद बिना किसी विभागीय जांच के कैशियर के ऊपर मामला दर्ज हो जाता है और उसे जेल भी भेजा गया यहां तक की समय से पूर्व उसे रिटायर्ड भी कर दिया गया। चूंकि शिकायत उमाशंकर बनकर की गई थी तो उदेलाल ने स्वयं को बचाने के लिए शिकायत के बाद अपना नाम उमाशंकर उर्फ उदेलाल करवाया ताकि वह सीबीआई को यह बता सकें या फिर सीबीआई के कहने पर ही उसने अपना नाम परिवर्तन किया ताकि यह साबित कर सके कि उमाशंकर और उदेलाल दोनों एक ही व्यक्ति है।

पुलिस ने बैंकों से मांगी जानकारी

यहां पर गौर करने वाली बात यह है कि जब नाम परिवर्तन 2014 में हुआ तो 2013 में पंजाब नेशनल बैंक भण्डारपुर का उमाशंकर खाताधारक कैसे हुआ और यदि उमाशंकर खाताधारक है तो फिर उदेलाल कौन है। नाम परिवर्तन के बाद भी उदेलाल और उमाशंकर दोनों के अलग-अलग खाते पंजाब नेशनल बैंक शाखा भंडारपुर में आज भी संचालित है जो आरबीआई के नियम का खुला उल्लंघन है जिसमें बैंक के अधिकारी की मिलीभगत स्पष्ट नजर आ रही है। वहीं अब मामला सामने आने के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है,पुलिस ने बैंको से जानकारी मांगी है।

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