जमीन के बटांकन व सीमांकन के नाम पर लोग परेशान, भिलाई राजस्व तहसील में कोई सुनवाई नही, कलेक्टर व सी,एम, से शिकायत
दुर्ग (चिन्तक)। भिलाई के राजस्व महकमें में लोगों को सीमांकन व बटांकन के नाम पर चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। इसके बाद भी उनका काम नही हो पा रहा है। राजस्व विभाग में कमीशन खोरी हावी है और दलालों का बोलबाला है। इस आशय की शिकायत जिलाधीश से लेकर मुख्यमंत्री से की गई है।
जानकारी में बताया गया है कि वर्तमान में भिलाई तहसील के प्रभारी अधिकारी गुरूदत्त पंच भाई है। उनसे भी इस मामले में कई बार शिकायत की गई है लेकिन उनके द्वारा इस मामले में उदासीनता बरती जा रही है।आपसी साठ गांठ की वजह से पूरा सिस्टम फेल हो गया है। रोजाना लोग लंबी कतारें लगाकर आपत्ति दर्ज कराने पहुंच रहे हैं। लेकिन उनकी कोई सुनवाई नही हो रही है। बताया गया है कि वर्तमान कलेक्टर ऋचा चौधरी ने पिछले दिनों राजस्व मामलो की समीक्षा की थी इसमें भिलाई के लंबित आवेदनो के बारे में भी जानकारी ली गई। लंबित मामलो के निराकरण के लिए भी कलेक्टर के निर्देश दिए। लेकिन इसे अभी तक अमल में नही लाया गया है इतना ही नही कागज में सब ओ.के. बताया जा रहा है लेकिन धरातल स्तर में कोई काम नही हो रहा है।
नही हो रही है कोई सुनवाई
शिकायत में ज्ञात हुआ है कि भिलाई राजस्व तहसील में सीमांकन बटांकन के नाम पर चक्कर लगवाए जा रहे हैं। राजस्व से जुड़े मामलो की सुनवाई लगातार टाली जा रही है। इसके कारण जमीन को लेकर लोगो को खासी परेशानी हो रही है। भिलाई राजस्व तहसील में इन दिनो लोग जमीन के सीमांकन खसरा बी वन निकलवाने के नाम पर परेशान हो रहे है। उन्हें बटांकन नामांतरण से लेकर अन्य सभी मामलो में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार बदली लेकिन अफसरों का रवैय्या यथावत
राज्य में सरकार बदल गई है लेकिन अधिकारियों के रवैय्ये में किसी भी तरह का कोई बदलाव नही आया है। राजस्व के मामलो में पहले की तरह काम हो रहा है। अधिकारी मदमस्त है अपने हिसाब से काम कर रहे है। ऊपर लेबल के अधिकारियों को सब कुछ सही बताया जा रहा है लेकिन निचले स्तर पर बराबर गड़बड़ी हो रही है। यहां गौरतलब है कि पिछली तहसीलदार क्षमा यदू को उन्ही शिकायतो के मद्दे नजर हटाया गया था। उनकी जगह गुरूदत्त पंचभाई को जिम्मेदारी दी गई। इससे व्यवस्था में सुधार की उम्मीद की जा रही थी लेकिन भिलाई राजस्व तहसील में अव्यवस्था पहले के जैसी बनी हुई है। जिलाधीश व मुख्यमंत्री से इसकी शिकायत की गई है।