एआई विशेषज्ञ बोले- क्वारंटाइन और शारीरिक दूरी ही कोरोना के विरुद्ध सबसे अनुकूल हथियार
सिडनी। जानलेवा कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए कई स्तरों पर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन सबसे बेहतर तरीका क्वारंटाइन और शारीरिक दूरी है। दुनिया के प्रमुख एआई विशेषज्ञ टॉबी वाल्श ने यह राय दी है। न्यू साउथ यूनिवर्सिटी के एआई प्रोफेसर एवं ऑस्ट्रेलियाई एकेडमी ऑफ साइंस के फेलो वाल्श ने कहा, ‘एआई का इस्तेमाल रोग की पहचान, इलाज और कोविड-19 के निषेध के लिए किया जा रहा है।’
वाल्श ने कहा, ‘तकनीक मदद कर सकती है लेकिन पुराने जमाने के हथियार ही इस लड़ाई को जीतने में कारगर होंगे। सबसे पुराना हथियार जिसका इस्तेमाल हम पिछले 700 साल से महामारी के खिलाफ कर रहे हैं वह है क्वारंटाइन। वर्ष 1377 में वेनिस में प्लेग संक्रमित देशों से आने वाले जहाजों को 40 दिनों तक बंदरगाह से दूर इंतजार करना पड़ता था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई विदेश से संक्रमित तो नहीं आया। दूसरा बेहतरीन हथियार शारीरिक दूरी है जो संक्रमण को फैलने से रोकता है।’ ये दोनों ऐसे हथियार हैं, जो लाखों लोगों की जान बचा सकते हैं। हालांकि ये पुराने और सरल तरीके हैं, लेकिन इनमें कोरोना को हराने की पूरी क्षमता है।
दवाओं की खोज में मदद करेगा एआई
इस घातक वायरस के खिलाफ एआई की भूमिका के बारे में वाल्श ने कहा कि इसके जरिये ऐसी दवाओं की खोज में मदद ली जा सकती है जो कोविड-19 को खत्म कर सके। साथ ही, इसकी मदद से वायरस की बायोकेमस्ट्री को भी समझा जा सकता है। इसके अलावा लोगों के फेफड़ों के विशिष्ट पैटर्न के सीटी-स्कैन पढ़कर संक्रमित लोगों के इलाज में भी इसकी मदद ली जाती है। वाल्श हाल ही में एक पुस्तक ‘2062) द वर्ल्ड दैट एआई मेड’ लेकर आए हैं जिसमें उन्होंने काम, युद्ध, अर्थशास्त्र, राजनीति, रोजमर्रा की जिंदगी और यहां तक कि मृत्यु पर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के प्रभाव के बारे में विस्तार से लिखा है।
…और बेहतर होगा जीवन
वाल्श ने कहा कि एआई एक गहन तकनीक है जो हमारे समाज को बदल सकती है। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि इसके जरिये हम भगवान बन जाएंगे। हां, इसकी मदद से हम ऐसी मशीनें जरूर बना सकते हैं जो हमारे जीवन को सहज और सुगम बना सकती हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम हम सही विकल्प चुनते हैं तो एआई जीवन को बेहतर बनाने के साथ-साथ एक खुशहाल समाज का निर्माण कर सकता है।