कर्मचारियों के भविष्य निधि के 25 करोड़ कोष में जमा नहीं, एक वर्ष से निगम के कर्मचारियों से काटे गए पैसे कहां गए?
दुर्ग(चिन्तक)। नगर निगम में कार्यरत लभग सात सौ अधिकारियों कर्मचारियों की भविष्य निविध की राशि एक वर्ष से कोष में जमा नहीं कराई गई है। जबकि इसकी कटौती कर्मचारियों के वेतन से बराबर की जा रही थी। निगम के कर्मचारी संघ ने इस मद्दे को लेकर नारेबाजी भी की लेकिन आयुक्त लोकेश चंद्राकर ने उन्हे तत्काल बुलवाया और मार्च 2024 तक पूरी राशि जमा कराने का आश्वासन दिया है।
जानकारी के अनुसार निगम के सात सौ कर्मचारियों के वेतन से प्रत्येक से तीन हजार रुपए की कटौती भविष्य निधि के नाम से प्रतिमाह की जाती है। नियमानुसार हर महीने कटौती की राशि को भविष्य निधि के कोष में जमा करने का प्रावधान है। लेकिन निगम प्रशासन व्दारा पिछले जनवरी 23 से जनवरी 24 तक के भविष्य निधि की राशि कोष में जमा नहीं कराई गई है।
एक अनुमान के मुताबिक सात सौ कर्मचारियों में प्रत्येक के वेतन से औसतन काटे गए तीन हजार रुपए एक माह में दो करोड़ दस लाख रु. के आसपास होते है। इन्हें एक वर्ष 12 माह का मिलाकर जोड़ा जाए तो यह राशि लगभग 25 करोड़ रुपए के आसपास होती है। अर्थात निगम ने कर्मचारियों के वेतन से काटे गए 25 करोड़ रुपए अभी तक कोष में जमा नही कराए है।
बताया गया है कि वेतन से भविष्य निधि के रुप में काटी गई राशि को कोष में जमा नहीं कराए जाने पर निगम के कर्मचारी संघ ने निगम मुख्यालय में प्रदर्शन कर नारेबाजी की थी।
निगम आयुक्त लोकेश चंद्राकर ने कर्मचारी संघ को आश्वस्त किया है कि वर्ष की पूरी राशि मार्च 2024 तक कोष में हर हाल में जमा करा दी जाएगी और इसकी एक चौथाई तीन माह की राशि पन्द्रह दिन के भीतर जमा करा दी जाएगी। आयुक्त के आश्वासन के बाद कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है।
कहा उपयोग हुए भविष्य निधि के 25 करोड़
कर्मचारियों के वेतन से भविष्य निधि के नाम पर एक वर्ष में काटे गए लगभग पच्चीस करोड़ रुपए क्यों नही जमा कराए गए। यह राशि कहां है और इसका उपयोग विकास कार्यो में तो नही कर दिया गया इसे लेकर तरह-तरह की चर्चा है। निगम प्रशासन 25 करोड़ का प्रबंध कैसे और किस मद से करेगा यह आश्चर्य व हैरत का विष्य है। भविष्य निधि कर्मचारियों के जीवन का बड़ा आधार होती है। इसके सहारे ही कर्मचारी अपना जीव सुरक्षित करते है।