राजनीतिक पार्टियों को चुनाव आयोग की चेतावनी! प्रचार प्रसार के लिए बच्चों का इस्तेमाल ‘किसी भी रूप में’ न करें

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग सख्त हो गया है। इसके साथ ही राजनीतिक दलों को दिशा-निर्देश जारी कर गाइडलाइन जारी की है। इसके मुताबिक चुनाव प्रचार में बच्चों को शामिल नहीं करना है। आयोग ने कहा- चुनावी कैंपेन में पर्चे बांटते, पोस्टर चिपकाते, नारे लगाते या पार्टी के झंडे बैनर लेकर चलते बच्चे या नाबालिग नहीं दिखने चाहिए। उम्मीदवारों को प्रचार के दौरान न तो बच्चों को गोद में उठाना है, न ही अपने वाहन में बैठाना है।

इसके साथ ही कविता पाठ, गाने, नारे, बोले गए शब्द, पार्टी या उम्मीदवार के प्रतीक चिह्नों के प्रदर्शन के जरिए भी बच्चों को चुनाव कैंपेन में शामिल नहीं कर सकते। ऐसा करने पर बाल श्रम से संबंधित सभी अधिनियम, कानूनों के तहत कार्रवाई होगी। इसकी जिम्मेदारी जिला निर्वाचन अधिकारी, रिटर्निंग अधिकारी को दी है। आयोग ने कहा कि राजनीतिक दलों व उम्मीदवारों को बाल श्रम (निषेध और विनियमन) द्वारा संशोधित बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करना आवश्यक है। साथ ही, बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि राजनीतिक दल संशोधित अधिनियम, 2016 का पालन करें। आयोग ने कहा कि अगर राजनीतिक नेता के निकट बच्चा अपने माता-पिता या अभिभावक के साथ उपस्थित है और किसी चुनाव प्रचार गतिविधि में शामिल नहीं है तो इसे दिशा-निर्देश का उल्लंघन नहीं माना जाएगा।