सतरूपा मंदिर में पिछली बाडी के दो पदाधिकारी आमने सामने, अध्यक्ष सचिव उपाध्यक्ष चुनाव हेतु 11 को मतदान

दुर्ग(चिन्तक)। उतई रोड सिविल लाईन स्थित मां सतरूपा शीतला मंदिर समिति की नई कार्यकारिणी के लिए 11 फरवरी को होने जा रहे चुनाव में पिछली बाडी के दो पदाधिकारी अध्यक्ष पद के लिए मैदान मे आमने सामने है। अध्यक्ष पद के लिए समिति के पूर्व अध्यक्ष संजय सिंह व पूर्व सचिव रोमनाथ साहू के बीच मुकाबला होगा।

यहां गौैरतलब है कि सतरूपा शीतला मंदिर की व्यवस्था व स्वरूप को बदलने में समिति की पिछली कार्यकारिणी का अहम योगदान रहा है। समिति ने पिछले चार साल के कार्यकाल में मंदिर की प्रसिद्धि में भारी इजाफा किया है। परिणाम स्वरूप नवरात्रि व धार्मिक आयोजनों के साथ प्रतिदिन मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है।

पिछली समिति ने मंदिर की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए ज्योति कलश कक्ष के साथ धार्मिक आयोजन के लिए शेड का भी निर्माण कराया है। मंदिर के बाहर समिति का कार्यालय संचालित है। मंदिर में ज्योति कलश प्रज्जवलित करने वालों की संख्या लगातार बढ़ी है। हिसाब किताब की व्यवस्था भी आडिट के साथ बनाई गई है।

पिछली समिति अपने बेहतर कार्यकाल को लेकर सदस्यों के बीच सराहना का पात्र भी बनी हुई है। लेकिन अगली कार्यकारिणी के चुनाव में पिछली समिति के दो पदाधिकारी अध्यक्ष पद के लिए जोर आजमाईस कर रहे हैं।

अध्यक्ष पद के लिए संजय सिंह लगातार दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं पिछली समिति मेेंं सचिव रहे रोमनाथ साहू पिछली बार अध्यक्ष पद का चुनाव लडऩे जा रहे हैं। पिछले चुनाव में ये दोनो अध्यक्ष व सचिव चुने गए थे ये दोनो अपने अपने कार्यो की वजह से समिति के सदस्यों के बीच लोकप्रिय है। समिति के 155 सदस्य अपने विवेक से नये अध्यक्ष का चुनाव मतदान से करेंगे।

सतरूपा शीतला मंदिर समिति की नई कार्यकारिणी के लिए अध्यक्ष उपाध्यक्ष सचिव कोषाध्यक्ष संयुक्त सचिव व प्रबंध समिति के दो के सात पदों के लिए चुनाव होना है। इसने संयुक्त सचिव के पद के लिए चंपा साहू ने एक मात्र नामांकन दाखिल किया था। उन्हें निर्विरोध घोषित कर दिया गया है। वहीं प्रबंध समिति के दो पदों के लिए तामेश्वर यादव व श्रीमती पुष्पा श्रीवास ने नामांकन दाखिल किये थे। इनका भी निर्विरोध निर्वाचन हुआ। अब अध्यक्ष उपाध्यक्ष सचिव व कोषाध्यक्ष पद का चुनाव मतदान से होगा।
उपाध्यक्ष पद के लिए बी.एस. चंंदेल व शिव सागर सिन्हा सचिव पद के लिए आलोक गुप्ता व प्रदीप देशमुख तथा कोषाध्यक्ष पद के लिए सुरेन्द्र कुमार धर्माकर व संतोष सिन्हा के बीच आरपार का मुकाबला होगा। मतदान की तिथि के लिए शेष रह गए पांच दिन को देखते हुए सभी प्रत्याशियों ने सदस्यो से जनसंपर्क करना शुरू कर दिया है। सतरूपा शीतला मंदिर शहर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इसकी नई कार्यकारिणी के चयन पर जनसमानस की भी निगाहें टिकी हुई है।

शांति शर्मा ने रजिस्टार, फर्म एवं सोसायटी व कलेक्टर से की शिकायत
सतरूपा शीतला मंदिर समिति की नई कार्यकारिणी के चुनाव की नामांकन प्रक्रिया में फार्म को निरस्त करने से दुखी शांति शर्मा ने रजिस्टार, फर्म एवं सोसायटी व कलेक्टर से शिकायत की है। शांति शर्मा ने अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया था। उनका नामांकन निर्वाचन अधिकारी अखिलेश मिश्रा ने निरस्त कर दिया है ।

शांति शर्मा ने शिकायत में कहा है कि उन्हें पहले सहायक निर्वाचन अधिकारी बनाया गया था। उन्होंने 31 जनवरी को सहायक निर्वाचन अधिकारी के पद से कार्यमुक्त करने का विधिवत आवेदन निर्वाचन अधिकारी के नाम से सहायक निर्वाचन अधिकारी राजेश वर्मा को दे दिया था इसके बाद ही नामांकन फार्म लिया और अध्यक्ष पद के लिए भरकर जमा कराया। इस बीच निर्वाचन अधिकारी द्वारा यह नही बताया गया कि मैं नामांकन दाखिल करने के लिए अयोग्य हूं।

2000 रूपये जमा कराकर फार्म दिया गया। फार्म जमा करने के बाद जब नामांकन पत्रों की जांच हुई तब निर्वाचन अधिकारी ने मेरा नामांकन निरस्त कर दिया। निर्वाचन अधिकारी द्वारा मुझे कहा गया कि इस्तीफा अध्यक्ष के नाम से देना था जबकि चुनाव की घोषणा के बाद कार्यकारिणी भंग होकर अस्तित्वहीन हो गई थी। निर्वाचन अधिकारी ने गलत तरीके से मुझे समिति के बायलाज का भी हवाला दिया जबकि बायलाज कार्यकारिणी के लिए होता है इसका निर्वाचन से कोई सरोकार नही होता।

शांति शर्मा ने शिकायत मे यह भी कहा है कि चुनाव को अनुकूल बनाने के लिए ही सुनियोजित तरीके से अखिलेश मिश्रा को निर्वाचन अधिकारी बनाया गया है। वे केवल एक पक्ष को लाभ पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं। श्रीमती शांति शर्मा ने शिकायत में चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की है।

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