होली के त्यौहार के चलते नकली खोवे से मिठाई बनाने का काम शुरू. प्रशासन अभी तक अल़र्ट नही, मिष्ठान दूकानों के सैंपल की जांच जरूरी

दुर्ग (चिन्तक)। होली के त्यौहार को लेकर शहर के विभिन्न मिष्ठान दूकानों में मिलावटी मिठाई का काम जोरो से चल रहा है। इन सभी मिठाईयों का विक्रय होली त्यौहार से दो तीन दिन पहले शुरू हो जाएगा। प्रशासन इस तरह की मिठाईयों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए अभी तक एलर्ट नही हुआ है। सूत्रो का कहना है कि त्यौहार के तीन दिन पूर्व विभाग इसके लिए सक्रिय होगा और सेम्पल जांच करेगा।
यहां गौरतलब है कि सप्ताह के आखरी दिन रविवार व सोमवार को होली का त्यौहार मनाया जाएगा। होली के त्यौहार में मिठाई का विशेष महत्व है और इसकी खरीददारी सबसे ज्यादा होती है। जरूरत की पूर्ति के लिए मिठाई बनाने वालों को शुद्ध खोवा नही मिल पाता इसलिए मिष्ठान दुकान के संचालक इसमें मिलावट करते है।
कई लोगों द्वारा मिठाई बनाने के लिए नकली खोवा का भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके सेवन से शरीर में घातक परिणाम होते है। दुर्ग शहर में नकली खोवे का इस्तेमाल करने के कई मामले पकड़ में आए है और इंदिरा मार्केट की दो से तीन दूकानों के खिलाफ कार्यवाही भी की गई है।
बताया गया है कि नकली खोवा आगरा व महाराष्ट्र से रेल के माध्यम से दुर्ग पहुंचता है। इसके अतिरिक्त दुर्ग शहर की सीमावर्ती क्षेत्रो में स्थित मिठाई की दूकानो व ग्रामीण इलाको की दूकानों में सबसे ज्यादा मिलावटी मिठाई का विक्रय होता है। ग्रामीण क्षेत्र के भोले भाले लोग इसका अंंतर समझ नही पाते जब तबियत खराब होती है और उपचार के लिए अस्पताल में दाखिल होते है तब इस तरह के मामलों का खुलासा होता है।
समय से पहले जांच की दरकार
मिष्ठान का मामला सीधे तौर पर जनता से जुड़ा है। मिलावटी मिठाईयों के सेवन से पैदा होने वाले दुष्परिणाम से पहले सेम्पलों की जांच की दरकार है। चिकित्सको के अनुसार मिलावटी मिठाई के सेवन से मनुष्य की जान भी जा सकती है। यह मनुष्य की इम्युनिटी पर निर्भर है। जिसकी इम्युनिटी कमजोर होती है उस पर इसका असर घातक हो सकता है।