हर महीने 5 फीसदी मुनाफे का लालच देकर 40 करोड़ की धोखाधड़ी, लालच देने वाला डायरेक्टर गिरफ्तार
बिलासपुर| सिविल लाइन क्षेत्र में शेयर मार्केट में हर महीने 5 से 10 प्रतिशत मुनाफे का लालच देकर 14 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। रायपुर में रहने वाले व्यवसायी की शिकायत पर पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला कि जालसाजों ने कई लोगों से धोखाधड़ी की है। प्राथमिक जांच में 14 करोड़ की धोखाधड़ी का पता चला है। पुलिस को आशंका है कि पूरा मामला करीब 40 करोड़ की धोखाधड़ी का है। कंपनी के डायरेक्टर विनय कृष्ण रात्रे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
बता दें, बिलासागुड़ी में एसपी रजनेश सिंह ने पूरे मामले का पर्दाफाश किया है। उन्होंने बताया कि रायपुर के सुभाष नगर में रहने वाले व्यावसायी नरेन्द्र दुबे ने धोखाधड़ी की शिकायत की है। पीड़ित ने बताया कि उनके परिचित ने साईं कृष्णा इन्वेस्टमेंट में निवेश करने पर हर महीने 5 प्रतिशत मुनाफा मिलता है। इस पर उन्होंने कंपनी में कुछ रुपये निवेश किए।
इसका बकायदा उन्हें रसीद दिया गया। इसके बाद उन्होंने कंपनी में करीब 49 लाख रुपये का निवेश किया। कुछ महीनों तक उन्हें पांच प्रतिशत तक मुनाफा मिलता रहा। सितंबर में उन्हें मुनाफा देना बंद कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने पूरे मामले की शिकायत सिविल लाइन थाने में की है। पीड़ित ने बताया कि उनके परिचित से भी करीब एक करोड़ रुपये लिए गए है।
शिकायत पर पुलिस ने मगरपारा रोड स्थित उषालता कांप्लेक्स के साईं कृष्ण इंवेस्टमेंट के आफिस में दबिश दी। आफिस से दस्तावेज जब्त कर कंपनी के डायरेक्टर विनय कृष्ण रात्रे को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में वह गोलमोल जवाब दे रहा था। दस्तावेज के आधार पर की गई पूछताछ में वह टूट गया। उसने अलग-अलग लोगों से धोखाधड़ी की बात स्वीकार कर ली है। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है।
पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि आरोपित अपने एजेंट के माध्यम से रुपये की वसूली करता था। ज्यादा रकम इनवेस्ट करने पर थाईलैंड और गोवा ट्रिप का प्रलोभन देकर कई लोगों के रुपये इनवेस्ट कराए। साथ ही कई लोगों को ट्रिप पर भी भेजा। इसी रकम से वह खुद भी विदेश यात्रा करता था। साथ ही अपने आलीशान जिंदगी जी रहा था। इधर कई लोगों के रुपये डूब गए।
जानकारी के मुताबिक आरोपित मुनाफे का लालच देकर कई लोगों से रुपये जमा कराए। एक व्यक्ति के निवेश को वह कई लोगों को मुनाफे के रूप में बांट देता था। इससे लोगों का उस पर भरोसा बढ़ता रहा।
कई लोगों ने मुनाफा मिलने पर अपने रिश्तेदारों से भी रुपये जमा कराए। साथ ही कर्ज लेकर भी निवेश किया। बाद में उसने मुनाफे की राशि देना बंद कर दिया। इसके बाद शिकायतों का दौर शुरू हुआ। अब तक जांच में पता चला है कि उसने पूरे रुपये खर्च कर दिए है। उसके खाते में कुछ ही पैसे है।