बिलासपुर में एक भी डायरिया पीडि़त मिला तो छोड़ दूंगा सक्रिय राजनीति-छोटे

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नगर निगम सभापति ने किया चुनौती भरा ऐलान

बिलासपुर। बिलासपुर नगर निगम के वार्ड क्रमांक 52 में डायरिया के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी ही दो फाड़ होता नजर रहा है, सभापति शेख नजीरुद्दीन ने यह चुनौती देकर सनसनी फैल दी है कि अगर आज की तिथि में बिलासपुर में एक भी डायरिया पीडि़त मिला तो वे सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लेंगे। उनका यह कहना है कि असल में वार्ड क्रमांक 52 के पार्षद और कांग्रेस के जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी उतावलेपन में वार्ड में डायरिया का प्रकोप की बात कह रहे हैं। दरअसल पिछले 2 दिनों से निगम के वार्ड क्रमांक 52 में डायरिया का प्रकोप देखा जा रहा है। घरों में लगातार गंदा पानी आने की शिकायत थी,

जिसके बाद नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारियों, पार्षद और पीएचई के अधिकारियों ने भी क्षेत्र का दौरा किया। स्वास्थ्य अमले ने सर्वे पर उल्टी,दस्त के मरीजों को पाया। जिनका इलाज कराया गया। स्वयं पार्षद विजय केशरवानी मानते हैं कि उनके वार्ड में डायरिया का प्रकोप है। घर में गंदा पानी आ रहा है। नालिया गंदगी से पटी पड़ी है जिसमें से होकर पाइपलाइन गुजर रही है। इसलिए उन्होंने इसके निराकरण के साथ स्वच्छ पेयजल प्रदाय हेतु वैकल्पिक संसाधनों पर भी मंथन करना शुरू कर दिया है। उधर बिलासपुर में डायरिया से एक मौत के बाद भी नगर निगम के सभापति शेख नजीरुद्दीन दावा करते हैं की स्लम एरिया के नेतृत्व का उनका लंबा अनुभव रहा है और इसी अनुभव के आधार पर उन्हें लगता है कि वार्ड क्रमांक 52 के लोग उतावलापन कर रहे हैं ।

उन्होंने इशारे इशारे में ही वार्ड के पार्षद को भी निशाने पर लिया। उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर आज की तिथि में बिलासपुर में एक भी डायरिया प्रभावित पाया गया तो वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे। असल बात यह है कि बिलासपुर में आरंभ से ही कॉग्रेस दो धड़ो में बंटी हुई है। डायरिया के नाम पर भी अंतर्विरोध सतह पर आता रहता है। नगर निगम सभापति का मानना है कि कोरोना के साथ जारी जंग के बीच इस बेवजह के विवाद को जन्म देकर ध्यान भटकाने का प्रयास किया जा रहा है ।उन्होंने इसी बहाने एक बार फिर से पूर्व भाजपा सरकार और पूर्व मंत्री को भी निशाने पर ले लिया। इधर इसके उलट वार्ड क्रमांक 52 के पार्षद विजय केशरवानी और स्वास्थ्य अमला लगातार वार्ड में हालात बेहतर करने का प्रयास कर रहे है। पाइप लाइन बदलने के साथ दवा के छिड़काव और स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति टैंकर से करने की भी कोशिश शुरू कर दी गई है।

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