आजादी के 20 सालों बाद नोटों पर कैसे आई गांधीजी की तस्वीर? जानिए पूरी कहानी
न्यूजरूम| हम सभी लोग रोज लेनदेन में नोटों (भारतीय करेंसी रुपये) का इस्तेमाल करते हैं| भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी इन नोटों पर महात्मा गांधी की फोटो होती है| लेकिन बहुत कम लोगों को ये बात मालूम होगी कि आखिर महात्मा गांधी की तस्वीर कब भारतीय करेंसी पर आई|
हालांकि ये बात हैरानी वाली है कि आजादी के काफी समय बाद महात्मा गांधी का चित्र भारतीय नोटों यानी कागज पर मुद्रित भारतीय करेंसी पर आया| ये काम आजादी के 22 साल बाद जाकर हो पाया| वो भी केवल एक रुपये के नोट पर| भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक भारत सरकार ने पहली बार 1949 में एक रुपये के नोट का नया डिजाइन तैयार किया| अब आजाद भारत के लिए एक चिह्न को चुना जाना था|
शुरुआत में तो यही माना जा रहा था कि ब्रिटेन के राजा की जगह नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर लगेगी और इसके लिए डिजाइन भी तैयार कर लिए गए थे| लेकिन आखिर में सहमति इस बात पर बनी कि महात्मा गांधी की तस्वीर के बजाय करेंसी नोट पर अशोक स्तंभ या अशोक की लाट को छापा जाना चाहिए| तब इस बात पर सहमति नहीं बन पायी थी कि महात्मा गांधी के फोटो को भारतीय नोटों पर छापा जाना चाहिए|
इसके अलावा करेंसी नोट के डिजाइन में बहुत अधिक बदलाव नहीं किए गए थे| साल 1950 में भारतीय गणराज्य में पहली बार दो, पांच, 10 और 100 रुपये के नोट जारी किए गए| उस पर महात्मा गांधी का चित्र नहीं था| पहली बार महात्मा गांधी का चित्र एक रुपये के नोट पर आया था, लेकिन उन पर नोटों की पूरी सीरीज आजादी के 49 साल बाद जारी हुई|
महात्मा गांधी पहली बार 1969 में नोट पर नजर आए| रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 1969 में एक रुपये का नोट महात्मा गांधी की फोटो के साथ जारी किया| ये काम आरबीआई ने महात्मा गांधी की 100वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य पर किया था| इसमें महात्मा गांधी को बैठे हुए दिखाया गया था और पृष्ठभूमि में सेवाग्राम आश्रम था|
18 साल बाद फिर आरबीआई ने एक और नोट पर महात्मा गांधी की फोटो प्रकाशित की| ये 1987 में आया 500 रुपये का नोट था| हालांकि इस नोट को 1996 में आरबीआई ने बंद कर दिया था| लेकिन 1996 में रिजर्व बैंक ने महात्मा गांधी के चित्र के साथ नोटों की नई सीरीज छापी| इसमें सभी नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर अंकित थी| महात्मा गांधी सीरीज के ये नोट नए सुरक्षा फीचर्स के साथ छापे गए थे| इसके वॉटरमार्क भी बदल गए थे| इस नोट में ऐसे फीचर शामिल किए गए कि दृष्टिहीन लोग भी इसकी पहचान आसानी से कर लें|
हालांकि साल 2014 में महात्मा गांधी की तस्वीर नोटों से हटाने की बात उठी थी| लेकिन उस समय वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली ने ऐसी किसी भी अफवाह को खारिज कर दिया था| जेटली ने लोकसभा को संबोधित करते हुए कहा था, रिजर्व बैंक पैनल ने तय किया है कि बैंक नोटों पर महात्मा गांधी के अलावा किसी अन्य नेता की तस्वीर नहीं लगाई जा सकती है| क्योंकि इस देश को महात्मा गांधी के अलावा कोई अन्य शख्सियत बेहतर तरीके से प्रस्तुत नहीं करती| महात्मा गांधी को देश राष्ट्र पिता के रूप में भी मानता है| इसलिए उनकी तस्वीर को लेकर विवाद की कोई गुंजाइश नहीं है|
महात्मा गांधी का जो फोटो भारतीय करेंसी पर अंकित होता है, वो कोई कैरिकेचर नहीं है, बल्कि एक मूल चित्र से लिया गया कटआउट है| ये तस्वीर 1946 में राष्ट्रपति भवन (तब वाइसराय हाउस) के बाहर की है| उनके साथ इस चित्र में ब्रिटिश नेता लार्ड फ्रेडरिक विलियम पैटिक लारेंस थे|