3 करोड़ से अधिक के गबन मामले में स्वास्थ विभाग का लिपिक गिरफ्तार, 11 लोगों के खिलाफ पुलिस ने दर्ज किया है मामला
गरियाबंद। मैनपुर स्वास्थ्य केंद्र में किए गए 3 करोड़ 13 लाख रुपए से अधिक के गबन के मामले में आरोपी बनाए गए 11 अधिकारी-कर्मचारियों के विरुद्ध पुलिस की कार्यवाही जारी है| मामले में गत दिवस स्वास्थ्य विभाग के पूर्व लिपिक वीरेंद्र भंडारी को गिरफ्तार कर न्यायालय के सुपुर्द किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है|
मैनपुर स्वास्थ्य केंद्र में वेतन के विभिन्न लाभांश के नाम पर जिला कोषालय से मिलीभगत कर 3 करोड़ 13 लाख से अधिक की राशि निकाली गई थी| इस मामले में जिला प्रशासन ने जांच के उपरांत अपना प्रतिवेदन मैनपुर थाना में प्रस्तुत कर कार्यवाही की मांग की थी| गरियाबंद जिला प्रशासन के जांच आवेदन के आधार पर मैनपुर पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए मैनपुर पुलिस ने आईपीसी की धारा 120 बी, 409, 420, 467, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई करते हुए 11 अधिकारी कर्मचारियों को आरोपी बनाया है|
पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई शुरू कर दी है, जिनमें से एक लिपिक वीरेंद्र भंडारी की गिरफ्तारी के बाद न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है| तीन अन्य अधिकारियों ने गरियाबंद न्यायालय में जमानत आवेदन लगवाया है, जिसमें एक आवेदन पर आज सुनवाई हुई, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया| वहीं दो अन्य आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका पर कल सुनवाई होगी|
इस मामले में आरोपी लिपिक वीरेंद्र भंडारी के अलावा तत्कालीन बीएमओ केके नेगी समेत जिला कोषालय अधिकारी डीपी वर्मा, जो कि वर्तमान में महासमुंद कोषालय अधिकारी हैं, को भी आरोपी बनाया है| इसके साथ ही सहायक ग्रेड 2 गुरुदेव साव (वर्तमान में बेमेतरा कोषालय अधिकारी), जिला कोषालय अधिकारी केके दुबे (वर्तमान में बलौदा बाजार कोषालय अधिकारी), के विनोद ध्रुव, वाहन चालक भारत नंदे, लुकेश चतुर्वेदानी, संतोष कोमरा, जीसी कुर्रे, वार्ड बॉय भोजराम दीवान शामिल हैं|