बल्लेबाजी तकनीकी में बदलाव से उथप्पा का करियर हुआ खराब
नई दिल्ली । बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा अच्छी बल्लेबाजी तकनीक और प्रतिभाशाली होने के बाद भी टीम इंडिया में अधिक समय तक नहीं रह पाये। पिछले पांच साल से वह एकदिवसीय मुकाबलों के लिए टीम में वापसी नहीं कर पाये हैं। अब इस बल्लेबाज ने कहा है कि 25 साल की उम्र में टेस्ट क्रिकेट में खेलने की महत्वाकांक्षा के कारण ही उन्होंने अपनी बल्लेबाजी तकनीकी में बदलाव किया था जिसका नुकसान उन्हें उठाना पड़ा। उथप्पा अब 34 साल के हैं और उन्होंने भारत की तरफ से आखिरी मैच 2015 में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेला था। उन्होंने राजस्थान रायल्स के पोडकास्ट सत्र के दौरान कहा, ‘मेरा सबसे बड़ा लक्ष्य भारत के लिये टेस्ट क्रिकेट खेलना था। अगर मैं 20-21 की उम्र में ऐसी कोशिश करता तो टेस्ट क्रिकेट खेल लिया होता। मैं अपने करियर के आखिर में पछताना नहीं चाहता था और अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहता था।’ उथप्पा ने तब प्रवीण आमरे की सेवाएं ली और अपनी तकनीक में कुछ बदलाव किया पर इससे उनके आक्रामक तेवर खो गए। उन्होंने कहा, ‘ मैंने 25 साल की उम्र में आमरे की देखरेख में अपनी बल्लेबाजी तकनीकी में बदलाव करने का फैसला किया जिससे तकनीकी तौर पर लंबे समय तक क्रीज पर टिककर खेला जा सके हालांकि इस प्रक्रिया में मैंने अपनी बल्लेबाजी की आक्रामकता खो दी।’ इसी के बाद वह एकदिवसीय क्रिकेट के लिए सही पसंद नहीं रहे। उथप्पा ने भारत की तरफ से 46 एकदिवसीय और 13 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं।