प्रदेश में गौ तस्करी को लेकर नया नियम जारी … जुर्माने के साथ 7 साल की सजा
रायपुर| छत्तीसगढ़ में गौ तस्करी को लेकर सरकार ने नया नियम जारी कर दिया है। इसके मुताबिक प्रदेश में गौ तस्करी और अवैध परिवहन करने पर 7 साल की सजा और 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। हालांकि यह सिद्ध करना कि तस्करी नहीं हो रही है, अभियुक्त पर होगा। अपराध को संज्ञेय और गैर-जमानती बनाया गया है। इसके साथ ही सक्षम अधिकारी के अनुमति के बिना गौवंश का परिवहन नहीं किया जा सकेगा। परिवहन के दौरान वाहन में फ्लेक्स आदि लगाना होगा।
गौ तस्करी करने पर वाहन राजसात किया जाएगा और वाहन मालिक पर भी कार्रवाई होगी। इससे अर्जित संपत्ति को चिन्हित कर कुर्क किया जाएगा। दरअसल, राजपत्रित अधिकारी को उक्त घटनाओं की रोकथाम और पर्यवेक्षण के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। पुलिस के अधिकारी शिथिल या संलिप्त होने पर उन पर कठोर कार्रवाई होगी। आसूचना एकत्रित करना, जिले के सभी प्रकारों का अध्ययन करना और सभी आरोपियों की फिर समीक्षा व सतत निगरानी जरूरी होगी।
डिप्टी सीएम व गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अब गौ तस्करी संभव नहीं। और इसके लिए हमने प्रत्येक स्तर पर जिम्मेदारी तय की है। गौवंश व दुधारु पशुओं के अनाधिकृत परिवहन (तस्करी), वध व मांस की बिक्री आदि घटनाओं की रोकथाम तथा संलिप्त आरोपियों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करने के संबंध में आदेश जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार गौवंश के अवैध परिवहन पर सख्ती से निपट रही है। हमने सजा और जुर्माने का प्रावधान करके यह सुनिश्चित किया है कि कोई भी इस कानून का उल्लंघन न कर सके। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।
डिप्टी सीएम ने कहा कि यदि नियम विरुद्ध परिवहन होना पाया जाता है तो जहां से परिवहन शुरू हुआ और जहां वाहन जब्त किया गया है, उस बीच के समस्त पुलिस अधीक्षक और थाना प्रभारियों के सर्विस बुक में नकारात्मक टीप अंकित की जाएगी। साथ ही पांच से अधिक बार नकारात्मक टीप अंकित होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। यदि किसी पुलिस अधिकारी/कर्मचारी की गौवंश के वध तथा गौवंश व दुधारू पशुओं की तस्करी (अवैध परिवहन) की कार्रवाई में किसी प्रकार की शिथिलता व संलिप्तता पाई जाती है, तो उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई होगी।
राज्य सरकार के अनुसार प्रदेश में गौ-वंश का अवैध परिवहन किया तो कार्रवाई होगी। कृषक पशु कैटेगरी में आने वाले पशुओं का अवैध परिवहन करने पर कार्रवाई होगी। इसमें गाय, बछड़ा, बछिया, भैंस के बच्चे, सांड, बैल, भैंसा और भैंस शामिल है। इनका कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम 2004 के तहत इनका मांस रखना बेचना, इनका अवैध परिवहन करना पहले से ही प्रदेश में बैन है।