NEET-UG 2024: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 22 जुलाई को विवादों में घिरी नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET-UG) 2024 से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई की। NEET-UG अभ्यर्थियों की ओर से पेश वकील ने शीर्ष अदालत को बताया कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने प्रश्नपत्र लीक होने और इसे व्हाट्सएप के माध्यम से साझा किए जाने की बात स्वीकार की है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबीपारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने पक्षकारों के वकीलों से पूछा कि परीक्षा के केंद्रवार और शहरवार परिणाम घोषित करने से क्या सामने आया है।
सुनवाई के मुख्य बिंदु
CJI डीवाई चंद्रचूड़ का बयान: NEET पेपर लीक 4 मई से पहले हुआ था। नीट-यूजी के परिणामों का विश्लेषण करने से पता चला है कि लीक हुए प्रश्नपत्र से लाभान्वित होने वाले अभ्यर्थियों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा, लेकिन कुछ केंद्रों पर कई छात्रों ने अच्छा प्रदर्शन किया है।
केंद्रों की जांच: नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं के लिए जांच के दायरे में आए केंद्रों पर परीक्षा देने वाले अभ्यार्थियों का प्रदर्शन तुलनात्मक रूप से खराब था। इन केंद्रों में झारखंड के हजारीबाग का ओएसिस स्कूल, हरियाणा के झज्जर का हरदयाल पब्लिक स्कूल और गुजरात के गोधरा का जय जलाराम इंटरनेशनल स्कूल शामिल है।
याचिकाकर्ताओं के वकील का दावा: वरिष्ठ वकील नरेंद्र हुड्डा ने कहा कि बिहार पुलिस की जांच के अनुसार, पेपर 4 मई को लीक हुआ था। NTA ने यह स्वीकार किया है कि प्रश्नपत्र व्हाट्सएप पर वायरल हुए थे।
CJI का जवाब: CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि लीक हुए प्रश्नपत्रों की तस्वीरें OMR शीट की थीं, न कि प्रश्नपत्र की। हुड्डा ने कहा कि बिहार पुलिस की जांच के अनुसार, लीक 4 मई को हुआ था और प्रश्नपत्र बैंकों में जमा होने से पहले ही लीक हो गए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने 18 जुलाई को NTA को निर्देश दिया था कि वह अभ्यर्थियों की पहचान गुप्त रखते हुए 20 जुलाई तक नीट-यूजी 2024 के केंद्रवार और शहरवार परिणाम घोषित करे। शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह यह जानना चाहता है कि कथित दागी केंद्रों पर परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को अन्य स्थानों के अभ्यर्थियों की तुलना में अधिक अंक मिले हैं या नहीं।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने NEET में कथित अनियमितताओं पर सरकार को घेरा और दावा किया कि भारतीय परीक्षा प्रणाली एक फ्रॉड है। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पलटवार करते हुए कहा कि यह कहना कि पूरी परीक्षा प्रणाली बकवास है, दुर्भाग्यपूर्ण है।
प्रधान ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि 2010 में शिक्षा में सुधार से जुड़ा विधेयक निजी मेडिकल कॉलेजों के दबाव में वापस लिया गया था। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पेपर लीक पर कानून बनाया है, लेकिन कांग्रेस ने इस विधेयक को क्यों वापस लिया था, यह स्पष्ट नहीं है।