अध्यक्ष दमदार नही हुआ तो ठीक से खड़ी नही हो पाएगी कांग्रेस, पूर्व विधायक वोरा ने पाली व भुई का नाम प्रदेश को भेजा

दुर्ग (चिन्तक)। विधानभा के बाद दुर्ग लोकसभा में हुई कारारी हार के बाद दुर्ग शहर में कांग्रेस का अस्तित्व खतरे में है। हालांकि आने वाले दिनो में कांग्रेस संगठन मेंं बदलाव में कयास लगाए जा रहे हैं। लेकिन राजनैतिक प्रेक्षकों का मानना है कि यदि शहर कांग्रेस को दमदार व काम करने वाला अध्यक्ष नही मिला तो पिछले चुनावों की तरह अगले चुनाव में भी वर्तमान स्थिति की पुनरावृत्ति हो सकती है।
यहां गौरतलब है कि 2018 व 2019 के विधानसभा और नगर निगम के चुनाव के बाद कांग्रेस के ग्राफ में निरन्तर गिरावट आई है। इन चुनावो में कांग्रेस को संगठन की मजबूती का नही बल्कि सत्ता में परिवर्तन का लाभ मिला है। इसका मुख्य कारण यह है कि पिछले दो दशक से दुर्ग शहर में अब तक जो भी अध्यक्ष रहा है वह केवल एक व्यक्ति विशेष के इशारे पर काम करता रहा है।

स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने के मामले में उसके हाथ सदैव बंधे रहे है। इससे कांग्रेस के निष्ठावान और काम करने वाले कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी है। कार्यकर्ताओं के गुस्से का ही परिणाम है कि कांग्रेस को विधानसभा में 48 हजार व लोकसभा मेंं 72 हजार मतोंं से पराजय झेलनी पड़ी है। आने वाले समय में कांग्रेस को नगरीय निकाय चुनाव का सामना करना है। यदि अब कांग्रेस संगठन को ऊर्जावान और स्वतंत्र रूप से काम करने वाला नेतृत्व नही मिला तो कांग्रेस को फिर करारी हार का सामना करना पड़ सकता है।
नगर निगम के चुनाव में पिछली बार कांग्रेस को परिवर्तन का लाभ मिला है और बीस साल से निगम की परिषद में काबिज भाजपा को असफलता हाथ लगी है लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद राज्य मेंं सत्तासीन भाजपा निगम मेें अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को हासिल करने आतुर नजर आ रही है। वैसेे कांग्रेस की मौजूदा परिषद की कार्यप्रणाली से शहर की जनता में असंतोष नही है।

महापौर धीरज बाकलीवाल की कार्यप्रणाली को सराहा गया है। कांग्रेस के कई पार्षद अगले चुनावो में भी जीत का दमखम रखते है लेकिन कांग्रेस के पार्षदगण संगठन की कार्य प्रणाली से भारी हताश है। इन पार्षदो का भी मानना है कि सक्षम व्यक्ति को नेतृत्व का मौका मिलना चाहिए बल्कि भविष्य में शहर कांग्रेस का अध्यक्ष ऐसा व्यक्ति हो जो सबकी सुने और स्वतंत्र रूप से काम करके संंगठन को मजबूत करें। इससे कांग्रेस भविष्य में अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को हासिल कर सकती है।

वोरा के भेजे नाम पर सहमत नही कार्यकर्ता
राजनैतिक सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार पूूर्व विधायक अरूण वोरा ने नये शहर अध्यक्ष के लिए वर्तमान ब्लाक अध्यक्ष राजकुमार पाली व पूर्व ब्लाक अध्यक्ष परमजीत भुई का नाम भेजा है। इसकी जानकारी उजागर होने के बाद कार्यकर्ता बेहद हताश व निराश है और वोरा समर्थको में भी इसे लेकर बगावत के सुर देखने को मिल रहे है।

जानकारो का मानना है कि कांग्रेस में राजेश यादव, अलताफ अहमद सहित आधा दर्जन से अधिक युवा नेता है जो कांग्रेस को पुरानी स्थिति से उबारने के साथ कार्यकर्ताओ में एक नई उर्जा का संंचार कर सकते है। लेकिन वोरा समर्थक कतिपय नेताओं का मानना है कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से सीधे संबंध की वजह से वोरा की पसंद को ही तबज्जो मिल सकती है। प्रदेश कांग्रेस व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल में भी हिम्मत नही है कि वे वोरा के भेजे नाम को काट सके। ऐसी स्थिति में इन दोनो में से ही कोई एक अध्यक्ष बनेगा।