हाईकोर्ट ने दिया बंदियों का पारिश्रमिक बढ़ाने का आदेश, पूर्व गृहमंत्री ने लगाई थी याचिका

बिलासपुर| छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कंवर ने जेल में बंदियों को दिए जाने वाले पारिश्रमिक में वृद्धि के लिए याचिका दायर की थी। कोर्ट ने इस याचिका को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार किया। मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने फैसला सुनाया है और कहा है कि जेल के बंदियों का पारिश्रमिक बढ़ाया जाए। उन्होंने कुशल बंदियों को 100 रुपये व अकुशल को 80 रुपये पारिश्रमिक भुगतान करने का आदेश दिया है।

बता दें, पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर ने जेल में बंदियों को कलेक्टर दर पर पारिश्रमिक देने जनहित याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि जब जेल बंदी बाहर आए तो उनका पारिश्रमिक ही काम आता है। ऐसे में उनको उचित पारिश्रमिक दिया जाना चाहिए। हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए बंदियों के पारिश्रमिक को बढ़ाने का आदेश दिया है। इसके लिए राज्य सरकार ने प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है।

मामले की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने शासन की तरफ से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जेल में बंद सजायाफ्ता कैदियों के पारिश्रमिक राशि बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया है। शासन ने माना कि पहले कैदियों को बहुत कम राशि दी जाती थी। जिसे अब बढ़ाया जाएगा। राज्य शासन के जवाब के बाद याचिका का निराकरण कर दिया गया।

याचिका में बताया गया था कि जेल में बंद सजायाफ्ता बंदियों के पारिश्रमिक काफी कम है। जब तक जेल में बंद है तब तक उनको यहीं से ही धन अर्जित करने का अवसर मिलता है। बाद में जब जेल से बाहर आते है तो यही राशि उनके जीवनयापन में काम आती है। ऐसे में यदि पारिश्रमिक कम होता है तो उनके भविष्य में परेशानी होगी। इसलिए पूर्व गृहमंत्री ने पारिश्रमिक कलेक्टर मिलने गुहार लगाई थी। पहले कुशल बंदी को 75 व अकुशल को 60 रुपये पारिश्रमिक मिलता था लेकिन अब कुशल बंदी को 100 रुपये और अकुशल को 80 रुपये दिया जाएगा।

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