कोरबा में खुलेगी देश की पहली लीथियम खदान, EV वाहनों में चीन पर निर्भरता होगी दूर

रायपुर। छत्तीसगढ़ के काेरबा जिले के कटघोरा में देश की पहली लीथियम खदान खुलने जा रही है। जिओलाजिकल सर्वे आफ इंडिया ने कटघोरा क्षेत्र के जंगलों में तकरीबन 250 में हेक्टेयर में लीथियम के भंडार की पुष्टि की है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर प्रतिनिधि के रूप में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल नई दिल्ली में आयोजित नेशनल मिनिरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट की छठवीं गवर्निंग बाडी मीटिंग में शामिल हुए। बैठक में केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी की अध्यक्षता में खनिजों का दोहन और उनके उपयोग के साथ प्रकृति एवं पर्यावरण के संरक्षण पर चर्चा हुई। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित कटघोरा क्षेत्र में मिले लीथियम भंडार की चर्चा हुई। केंद्रीय मंत्री ने जिओलाजिकल सर्वे आफ इंडिया की रिपोर्ट की जानकारी दी और बताया कि कटघोरा के लगभग 250 हेक्टेयर क्षेत्र में लीथियम के बड़ा भंडार होने की पुष्टि हुई है।

कटघोरा में शीघ्र ही शुरू होने वाली लीथियम की खदान देश की पहली लीथियम खदान होगी। वर्तमान में लीथियम एक अहम धातु है। जिससे राज्य और देश विकास की नई दिशा की तरफ अग्रसर होंगे। लीथियम खदान के शुरु हो जाने से छत्तीसगढ़ आने वाले समय में देश के अग्रणी राज्यों में से एक होगा और विकसित भारत, 2047 के योगदान में छत्तीसगढ़ के लीथियम भंडार का बड़ा योगदान होगा।

भारत सरकार के खान मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ सहित बिहार, गुजरात, झारखण्ड, ओडिशा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर में स्थित 20 क्रिटिकल एंड स्ट्रेटेजिक मिनरल ब्लाक्स का ई-नीलामी के माध्यम से आबंटन हेतु एमएसटीसी पोर्टल में एनआईटी जारी किया है। इन 20 बलाक में से छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित कटघोरा क्षेत्र में लिथियम एंड आरईई ब्लाक भी शामिल है।

जिओलाजिकल सर्वे आफ इंडिया में भंडार की पुष्टि

250 हेक्टेयर क्षेत्र में बड़ा भंडार होने की पुष्टि हुई है

मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने दी जानकारी

कोरबा में यूरेनियम के विशाल भंडार का अनुमान,धनगांव–गढतारा गांव में होगी यूरेनियम की खोज

लीथियम के बाद कोरबा जिले में अब यूरेनियम की खोज की तैयारी जिओलाजिक सर्वे आफ इंडिया करने जा रही है। कोरबा में पहले ही लिथियम का भंडार मिल चुका है। इसके बाद अब यहां यूरेनियम की संभावना तलाशी जा रही है। छत्तीसगढ़ शासन के खनिज साधन विभाग ने एक आदेश जारी किया है। जिसमें कोरबा के दार्शनिक स्थल कोसगाई के समीप गांव, धनगांव–गढतारा में यूरेनियम के लिए सर्वेक्षण की बात कही गई है।

अनुसंधान के लिए पांच वर्ग किमी क्षेत्र आरक्षित आने वाले पांच वर्षों के लिए परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय इस गांव में अनुसंधान करेगा। गांव के एक सीमित क्षेत्र को आरक्षित कर दिया गया है। जहां यूरेनियम के भंडार की तलाश शुरू की जाएगी।

धनगांव–गढतारा को आने वाले पांच वर्ष की अवधि के लिए परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय को सौंपा गया है। जहां, वह अनुसंधान करेंगे। इस गांव के पांच वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को आरक्षित किया गया है। जहां परमाणु खनिज रियायत नियम 2016 के तहत यूरेनियम, लिथियम और एसोसिएटेड मिनरल का पूर्वेक्षण कार्य किया जाएगा।

यूरेनियम का उपयोग सेना द्वारा परमाणु पनडुब्बियों और परमाणु हथियारों को शक्ति प्रदान करने के लिए किया जाता है। यूरेनियम का उपयोग परमाणु बिजली उत्पादन के लिए भी किया जा रहा है। दुनिया भर के ज्यादातर विकासशील देश जिसमें भारत भी शामिल है। वह अभी कोयला आधारित बिजली पर निर्भर हैं, लेकिन विकसित देश अब परमाणु आधारित बिजली के उत्पादन की तरफ बढ़ रहे हैं। इसके लिए यूरेनियम का उपयोग किया जाता है। यूरेनियम पृथ्वी पर पाए जाने वाला बेहद दुर्लभ खनिज पदार्थ है।

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