पश्चिम रेलवे ने 10.72 मिलियन टन आवश्यक सामग्री का परिवहन किया
मुंबई। पश्चिम रेलवे ने कोरोना काल में बीते समय से अब तक अपनी दूध विशेष और पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से दुग्ध उत्पादों, खाद्यान्नों, जीवन रक्षक दवाओं, चिकित्सा उपकरणों सहित तमाम अत्यंत आवश्यक वस्तुओं के परिवहन को लगातार सुनिश्चित किया है।
इस संदर्भ में पश्चिम रेलवे की तरफ से बताया गया है कि 22 मार्च से 4 जून, 2020 तक लॉकडाउन अवधि के दौरान, द्वारा कुल 5463 मालगाड़ियों का उपयोग कर 10.72 मिलियन टन अत्यावश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। 10,730 मालगाड़ियों को अन्य क्षेत्रीय रेलों के साथ इंटरचेंज किया गया है, जिनमें 5,401 ट्रेनें सौंपी गई हैं और 5,329 ट्रेनें अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंट पर ली गई हैं। पार्सल वैन/रेलवे मिल्क टैंकर (आरएमटी) के 309 मिलेनियम पार्सल रेकों को आवश्यक वस्तुओं की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए देश के विभिन्न भागों में भेजा गया है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी 50 हजार टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं को पश्चिम रेलवे ने अपनी विभिन्न पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से पहुंचाया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के जरिए होने वाली कमाई 16.03 करोड़ रुपये रही है। इसके अंतर्गत 28 हजार टन से अधिक भार और वैगनों के 100% उपयोग के साथ पश्चिम रेलवे द्वारा अड़तीस दुग्ध विशेष रेलगाड़ियां चलाई गईं, जिनसे लगभग 4.83 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।
उन्होंने बताया कि इसी तरह 19,700 टन से अधिक भार वाली 266 कोविड ‑19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनके लिए अर्जित राजस्व 10.13 करोड़ रुपये रहा। इनके अलावा, 2378 टन भार वाले 5 इंडेंटेड रेक भी 100% उपयोग के साथ चलाए गए, जिनसे 1.07 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ।
जनसम्पर्क अधिकारी रविन्द्र का कहना था कि कोरोना वायरस के कारण मार्च, 2020 से अभी तक, पश्चिम रेलवे पर कमाई का कुल घाटा 1177 करोड़ रुपये से अधिक रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड पर 166.43 करोड़ रुपये और गैर‑उपनगरीय के लिए 1010.85 करोड़ रुपये का नुकसान शामिल है। इसके बावजूद, अब तक टिकटों के निरस्तीकरण के फलस्वरूप पश्चिम रेलवे ने 309.76 करोड़ रुपये की रिफंड राशि वापस करना सुनिश्चित किया है।
उल्लेखनीय है कि इस धनवापसी राशि में, अकेले मुंबई डिवीजन ने 145.54 करोड़ रुपये का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 47.44 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार उनकी धनवापसी राशि प्राप्त की है।