आलिया भट्ट को है ADD डिसऑर्डर, 32 की उम्र में बच्चों वाली बीमारी से हैं परेशान…
नई दिल्ली| आलिया भट्ट इन दिनों तीन वजह से सुर्खियों में हैं| पहला पेरिस फैशन वीक 2024 में पहली रैंप वॉक, दूसरा अपनी आने वाली फिल्म जिगरा और तीसरा सबसे बड़ा कारण है वो बीमारी, जिसकी वजह से वह 45 मिनट तक मेकअप चेयर पर नहीं बैठ पातीं| 32 साल की आलिया का क्या बीमारी है अब हर कोई ये जानने के लिए वो इंटरव्यू खोज रहा है, जिसमें उन्होंने अपनी इस बीमारी का जिक्र किया| क्या आप जानते हैं कि एक बच्चे की मां बन चुकीं आलिया को बच्चों वाली बीमारी से परेशान हैं| वह एडीडी डिसऑर्डर से जूझ रही हैं|
आलिया भट्ट अपनी पहली पेरिस फैशन वीक के रैंप वॉक को लेकर सुर्खियों में हैं| फैंस उनकी नटखट अदाओं को पसंद कर रहे हैं| क्या आप जानते कि एडीडी डिसऑर्डर से पीड़ित हैं और इसकी वजह से उन्हें कई बार परेशानियों को सामना करना पड जाता है|
आलिया ने हाल ही में एक अमेरिकी पत्रिका एल्यूर के साथ बातचीत में इसका जिक्र किया था| उन्होंने बताया था कि कैसे अपनी जिंदगी के सबसे खास दिन उन्होंने मेकअप आर्टिस्ट को दो घंटे के लिए साफ-साफ मना कर दिया था और इसके पीछे कारण रहा अटेंशन डेफिसिट डिसॉर्डर|
उन्होंने कहा था कि मुझे एडीडी है| मेकअप में बहुत ज़्यादा समय लगाने में मुझे दिलचस्पी नहीं है| जो भी कुछ करने की जरूरत हो वो बस जल्द से जल्द हो| दरअसल, उनका कहना था कि वो 45 मिनट से ज्यादा मेकअप चेयर पर नहीं बैठ सकती हैं|
एडीडी यानी अटेंशन डेफिसिट डिसऑर्डर| अटेंशन डेफिसिट का मतलब ध्यान केंद्रित रखने की क्षमता में कमी का होना| एडीडी आमतौर पर बच्चों में होता है लेकिन कुछ लोग वयस्क होने पर भी इसका सामना करते रहते हैं|
एडीएचडी के तीन रूप होते हैं| पहला ध्यान न देना, दूसरा अति सक्रियता या आवेग और तीसरा संयुक्त यानी दोनों लक्षण हो सकते हैं| ऐसे लोग किसी भी एक काम में बहुत ज्यादा देर तक फोकस नहीं बनाए रख पाते| उनमें होल्ड करने की क्षमता ही नहीं होती है| इसमें किसी चीज़ पर ध्यान देना और उसे लगातार बनाए रखने में परेशानी आती है| इसलिए आलिया ने अपनी शादी पर मेकअप मैन से 2 घंटे के मेकअप के लिए साफ इनकार करते हुए कहा था, मेरी शादी के दिन मैं आपको दो घंटे नहीं दे सकती क्योंकि मुझे चिल करना है|
यह ऐसा डिसऑर्डर है जो पैदाइशी हो जाता है| इसे किसी दवा से नहीं बल्कि थेरेपी से सही किया जा सकता है| जिस बच्चे में भी ये डिसऑर्डर दिखे उन्हें ऑकुपेशनल थेरेपिस्ट (ओटी) के पास ले जाना चाहिए|