सरकारी बैंकों ने एमएसएमई क्षेत्र को ईसीएलजीएस के तहत दिए 12,201 करोड़

नई दिल्‍ली। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) को 9 जून तक कुल 12,200.65 करोड़ रुपये का लोन दिया है। बैंकों ने एमएसएमई को ये कर्ज 3 लाख करोड़ रुपये की आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत दी है। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को ट्वीट करके ये जानकारी दी है।

मंत्रालय ने अपने ट्विट में कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैकों ने एक जून से अभी तक एमएसएमई क्षेत्र को 100 फीसदी ईसीएलजीएस के तहत कुल 24,260.65 करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया है। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज तहत एमएसएमई को 3 लाख करोड़ रुपये देने की घोषणा की थी। एमएसएमई क्षेत्र को बैंकों ने जो लोन अबतक दिया है। वो इसी पैकेज का हिस्सा है। बता दें कि कोविड‑19 की वजह से लागू लॉकडाउन से एमएसएमई क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने ट्वीट कर बताया है कि 9 जून, 2020 तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 100 फीसदी ईसीएलजीएस के तहत 24,260.65 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया है। इसमें से 12,200.65 करोड़ रुपये का कर्ज दिया जा चुका है। तमिलनाडु की इकाइयों को सबसे अधिक 2,637 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया गया, जिसमें से 1,727 करोड़ रुपये का लोन उन्हें दिया जा चुका है। वहीं, उत्तर प्रदेश की इकाइयों को बैंकों ने 2,547 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया है, जिसमें से 1,225 करोड़ रुपये का लोन दिया जा चुका है।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने जो लोन मंजूर किये और अभी तक दिए हैं वो इस प्रकार है :

स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया 13,363 करोड़ रुपये का लोन 9 जून तक मंजूर किया और 7,517 करोड़ रुपये बैंक ने वितरित किए हैं।

बैंक ऑफ बड़ौदा ने 1,893 करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया है, जबकि अभी उसने सिर्फ 526 करोड़ रुपये ही वितरित किया हैं।

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 1,842 करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया और 794 करोड़ रुपये वितरित किए हैं।

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने 1,772 करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया है, जबकि बैंक ने अब तक 656 करोड़ रुपये बांटा है।

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