अमीर बनने के लालच में खरीद लिया 1 लाख रुपये का एक गधा, घर-जमीन तक बेच दिया पर…
विजय नगर| अचानक से एक शहर में गधों को खरीदने की होड़ सी मच गई ताकि वह ज्यादा पैसा कमा सके| सुनकर आपको भी थोड़ा अटपटा सा लग रहा होगा, लेकिन यह खबर पक्की है| साइबर घोटालों के युग में, आंध्र प्रदेश के 200 से ज्यादा लोगों को ‘गधा घोटाले’ का शिकार हो गए हैं| इस मामले में हालांकि पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को अरेस्ट किया है जिसमें जैनी मिल्क का मालिक भी शामिल है|
बताया जा रहा है कि लगभग 200 अनजान व्यक्तियों को आंध्र प्रदेश स्थित एक प्राइवेट कंपनी द्वारा धोखा दिया गया है| गधे के पालन के जरिए भारी मुनाफे का वादा करने और इसके दूध को ‘चमत्कारी औषधीय उत्पाद’ के रूप में कारोबार करने से कंपनी ने जनता से बड़ी रकम एकत्र की है| आंध्र प्रदेश की कंपनी ने हाल ही में विजयनगर जिले के होसपेट में एक ब्रांच भी खोली और लोगों को गधा पालन शुरू करने के लिए 500 रुपये के बॉन्ड पेपर पर तीन साल के एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने के लिए राजी किया| एग्रीमेंट के अनुसार, 3 लाख रुपये में, कंपनी तीन मादा गधे और तीन बच्चे दे रही थी|
कंपनी का दावा था कि वह एक यूनिट में तीन मादा गधे देते हैं| कई लोगों ने कंपनी के दावे के बाद कई यूनिट खरीद लीं| मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लोगों को यह खबर दी गई कि 20 से अधिक यूनिट पहले ही बिक चुकी हैं| वहीं एग्रीमेंट के 20 दिन बाद कंपनी गधे देती है, जो राजस्थान और गुजरात सहित विभिन्न राज्यों से मंगवाए जाते| दूध उत्पादन की कई कड़ी शर्तें थी जिसमें दूध को सीधा कंपनी इक्ट्ठा करेगी| तीन गधों का हर यूनिट रोजाना कम से कम 1.5 लीटर और ज्यादा से ज्यादा 2 लीटर दूध देंगे| यदि दूध का उत्पादन इस सीमा से अधिक है, तो कंपनी समझौते को रद्द करने और किसान द्वारा भुगतान की गई राशि को जब्त करने का अधिकार सुरक्षित रखती है|
इसके विपरीत, यदि दूध का उत्पादन 1.5 लीटर से कम हो जाता है, तो कंपनी 10 दिनों के भीतर एक गधा बदलकर देगी| किसानों को गधे के दूध के लिए 2,350 रुपये प्रति लीटर का वादा किया गया था| कंपनी ने कई किसानों को गधों की कई यूनिट दी और गधे के दूध के लिए 2350 रुपये प्रति लीटर की आकर्षक पैसे का ऑफर दिया| कंपनी ने किसानों को विश्वास दिलाया कि गधे का दूध एक चमत्कारी उपाय है, खासकर बच्चों और अस्थमा के रोगियों के लिए| इतना ही नहीं कंपनी ने किसानों को कहा कि गधे का दूध का यूज दवाओं, साबुन, क्रीम और कई अन्य उत्पादों के उत्पादन में किया जाता है| किसानों को बड़े मुनाफे के वादे के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर करने के लिए लालच दिया गया|
इसके अलावा कंपनी ने दूध को रखने के लिए फ्रिज, अन्य टेक्नोलॉजी और बोतलें भी दीं| जब किसान यूनियन को पता चला कि कोई कंपनी किसानों को पैसा कमाने का लालच दे रही है तो फिर इसकी जांच की गई| पता चला कि जो गधा बाजार में 20 से 30 हजार रुपये में मिलता है उसका किसानों से एक लाख रुपये वसूला गया है| इतना ही नहीं किसानों से पैसा लेने के बाद कंपनी वहां से चंपत हो गई| इसके बाद किसान पुलिस के पास पहुंची और मामले की शिकायत दर्ज करवाई| इस मामले में पुलिस ने जांच करते हुए कंपनी के मालिक समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया है और जांच कर रही है|