गैंगस्टर अमन साव को 40 जवानों के घेरे में लाया गया रायपुर, आज कोर्ट में पेशी…

रायपुर| छत्तीसगढ़ के कारोबारियों से रंगदारी वसूलने गोली चलवाने वाले गैंगस्टर अमन साव को 40 से ज्यादा जवानों के घेरे में रायपुर लाया गया। इसके बाद गैंगस्टर अमन को कड़ी सुरक्षा में अज्ञात थाने में रखा गया है। आज यानी 14 अक्टूबर को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। कोर्ट में तेलीबांधा और गंज पुलिस उसे रिमांड पर लेने अर्जी लगाएगी। रायपुर में गोलीबारी की वारदातों के बारे पूछताछ करने अमन को रिमांड पर लिया जाएगा। क्योंकि अमन के गैंग ने रायपुर में तीन वारदातें की हैं। अमन का लिंक गैंगस्टर लॉरेंस-बिश्नोई से भी है। दोनों ने मिलकर कई घटनाएं की हैं। उनके पास 700 से ज्यादा युवाओं की टीम है। दोनों के पास 150 से ज्यादा शूटर हैं जो 25 हजार से लेकर 50 हजार में किसी की जान ले लेते है।

जानकारी के अनुसार गैंगस्टर अमन साव के ऊपर झारखंड के अलावा देश के कई शहरों में 60 से ज्यादा केस दर्ज हैं। वह झारखंड चाईबासा जेल में बंद था। रायपुर की अदालत ने तीसरी बार उसे लाने के लिए वारंट जारी किया था। इसके पहले दो बार जब भी रायपुर पुलिस वारंट लेकर गई थी अमन का जेल ही बदल दिया जाता था। इस बार वारंट मिलने पर झारखंड की पुलिस कड़ी सुरक्षा में अमन को लेकर आधी रात रायपुर पहुंची है, क्योंकि अमन को छुड़वाने उसके गैंग के सदस्य कई बार प्रयास कर चुके हैं। वे कभी भी हमला कर सकते हैं।

बता दें कि गैंगस्टर अमन ने गुर्गे भेजकर 12 अगस्त को तेलीबांधा में पीआरए ग्रुप के दफ्तर के बाहर फायरिंग करवायी थी। इसमें पुलिस अब तक शूटरों और हथियार देने वाले सहित 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इससे पहले भी अमन ने अपने शूटरों को भेजा था, जिन्हें भाठागांव के पास एक होटल से पुलिस ने पकड़ लिया था। उसके पूर्व इसी गिरोह ने शंकर नगर में भी हवाई फायरिंग की थी।

जानिए कौन है गैंगस्टर अमन साव

जानकारी के अनुसार गैंगस्टर अमन साव पहली बार 2019 में गिरफ्तार हुआ था। लेकिन 29 सितंबर 2019 को ही वह फरार हो गया। पुलिस ने उसे 3 साल बाद जुलाई 2022 में दोबारा गिरफ्तार किया। साव अभी झारखंड के गिरिडीह जेल में बंद है। बताया जाता है कि अमन साहू के गिरोह के पास एडवांस हथियार हैं जिसके दम पर वह अपने खौफनाक मंसूबों को अंजाम देते हैं। अमन साव का नेटवर्क धनबाद, रांची, रामगढ़, चतरा, हजारीबाग, पलामू, लातेहार, बोकारो जैसे झारखंड के तमाम जिलों में फैला हुआ है। साव के रडार पर कोल माइनिंग कंपनियां, कोयला व्यवसायी और ट्रांसपोर्ट फील्ड के बिजनेसमैन रहते हैं। साव इनको अपना टारगेट बनाकर इनसे रंगदारी की मांग करता है और जो उसकी बात नहीं मानता उसके गुर्गे उस पर गोली चलाकर अपनी बात मनवाते हैं।