12वीं की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी की फंदे पर लटकते मिली लाश…

सूरजपुर। छात्रा से गैंगरेप का मुख्य आरोपी फंदे पर लटकता मिला है। जंगल में जहां दुष्कर्म हुआ वहीं पेड़ पर कांता सिंह की लाश मिली है। पुलिस के मुताबिक शव तीन दिन पुराना है, आशंका जताई जा रही है कि उसने 12-13 अक्टूबर की रात फांसी लगाई होगी।

12 वीं की छात्रा से गैंगरेप में कांता सिंह के साथ 5 और आरोपी शामिल थे। जंगल में दुष्कर्म के बाद लड़की की जमकर पिटाई की गई थी, बेहोश होने पर छात्रा को मृत समझकर आरोपी घटना स्थल से भाग निकले थे।

परिजनों ने आरोप लगाया कि सूरजपुर पुलिस ने जिले में वीवीआईपी का कार्यक्रम बताकर FIR नहीं लिखी। इससे पीड़ित छात्रा को दो दिन इलाज नहीं मिला पाया।

पुलिस के मुताबिक मृतक कांता सिंह का पीड़ित छात्रा से करीब तीन वर्षों से प्रेम सम्बन्ध था। छात्रा के पिता की ओर से कराई गई एफआईआर में इसका जिक्र किया गया है। रामानुजनगर प्रभारी राजेंद्र साहू ने यह भी खुलासा किया है कि पीडिता के परिजनों ने थाने में छात्रा से गैंगरेप की जानकारी नहीं दी थी।

सूरजपुर एडिशनल एसपी संतोष महतो ने कहा कि युवती के पिता की रिपोर्ट पर रामानुजगंज थाने में 13 अक्टूबर को कांता सिंह के खिलाफ रामानुजनगर थाने में मारपीट का अपराध दर्ज किया गया है। उस समय युवती के पिता या छात्रा ने जो जानकारी दी, उसके हिसाब से एफआईआर लिखी गई है।

सूरजपुर जिले के गांव की 12वीं की छात्रा अपने सहेलियों के साथ दशहरा कार्यक्रम देखने पहुंची थी। दशहरा मैदान में कार्यक्रम के बाद वह सांस्कृतिक कार्यक्रम देखने के लिए रूक गई। 10 वीं कक्षा में सहपाठी रहा युवक कांता सिंह युवती से मिला। दोनों के बीच बातचीत हुई। छात्रा ने कांता सिंह से पानी मांगा। कांता ने छात्रा को पानी की बोतल लाकर दी। कांता सिंह ने पानी की बोतल में कुछ नशीला पदार्थ मिला दिया था। पानी पीने के बाद छात्रा को नींद आने लगी। छात्रा ने सहेलियों से घर चलने की बात कही। इस बीच आरोपी ने कांता ने छात्रा को घर छोड़ की बात कह झांसे में ले लिया। उसके साथ बाइक पर घर के लिए रवाना हो गयी। आरोपी कांता सिंह ने गांव के बाहर जंगल में छात्रा को ले गया, वहां उसके 5 और साथी पहुंच गए। सभी आरोपियों ने छात्रा के साथ गैंगरेप किया। इस दौरान आरोपियों ने छात्रा पर जानलेवा हमला करते हुए उसके साथ जमकर मारपीट भी की। इस घटना में छात्रा के बेहोश होने के बाद आरोपी छात्र घबरा गये, सांस नहीं चलने पर मृत समझकर छात्रा को मौके पर छोड़कर सभी आरोपी भाग निकले।

घटना के दूसरे दिन रविवार सुबह पीड़ित छात्रा किसी तरह जंगल से बाहर आई। इस बीच परिजन भी पहुंच गए थे। दिनभर परिजनों ने उसे घर पर रखा। होश आने पर सोमवार को रामानुजनगर पुलिस को घटना की सूचना दी। लेकिन थाने में पुलिस ने वीवीआईपी ड्यूटी बताकर पीड़ित छात्रा के साथ हुए गैंगरेप की रिपोर्ट नहीं लिखी।

परिजनों ने आरोप लगाया है कि पीड़िता को सूरजपुर हॉस्पिटल इलाज के लिए लेकर पहुंचे। पुलिस रिपोर्ट नहीं होने के कारण डॉक्टरों ने इलाज शुरू नहीं किया। इसके बाद परिजन उसे मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर लेकर पहुंचे। गंभीर चोट के बाद भी पीड़ित का इलाज नहीं हुआ।