ठोस अपशिष्ट से बनेगा कम्प्रेस्ड बायोगैस, जामुल में लगेगा प्लांट…. 150 मिट्रिक टन जैव ईंधन का होगा उत्पादन
भिलाई। एसएटीएटी- सस्टेनेबल अल्टरनेटिव टूवर्ड्स अर्फोडेबल ट्रांसपोर्टेशन योजना के अंतर्गत नगरीय ठोस अपशिष्ट (एमएसडब्ल्यू) से जैव ईंधन जैसे कि कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) उत्पादन की आपार संभावनाओं को देखते हुये छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण (सीबीडीए) द्वारा निरंतर प्रयास के फलस्वरूप भारत सरकार के उपक्रम भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) द्वारा नगर पालिक निगम भिलाई में 100-150 टन प्रतिदिन एमएसडब्ल्यू आधारित कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) संयंत्र की स्थापना की जाएगी। इसके लिए सोमवार को नगर निगम भिलाई छत्तीसगढ़ बॉयो फ्यूल विकास प्राधिकरण और भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन के मध्य सोमवार को त्रिपक्षीय कंसेशन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर हुआ।
बता दें 13 मार्च 2024 को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं उप-मुख्यमंत्री अरूण साव की उपस्थिति में नगर पालिक निगम रायपुर व भिलाई, सीबीडीए एवं बीपीसीएल के मध्य 2 कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) संयंत्रों की स्थापना हेतु त्रिपक्षीय एमओयू निष्पादित किया गया था। मुख्यमत्री विष्णुदेव साय की मंशानुसार सोमवार को कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी के मार्गदर्शन में लोक निर्माण विभाग के सभागार में नगर पालिक निगम भिलाई, सीबीडीए एवं भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के मध्य त्रिपक्षीय कंसेशन एग्रीमेंट (सीए) में हस्ताक्षर किया गया।
जामुल में लगाया जाएगा प्लांट
इस एग्रीमेंट के तहत् नगर पालिक निगम भिलाई अंतर्गत ट्रेचिंग ग्राउड जामुल में बीपीसीएल द्वारा स्वयं के निवेश से सीबीजी संयत्र की स्थापना की जायेगी, जिससे विभिन्न लाभ होंगे। इससे नगर पालिक निगम भिलाई एवं दुर्ग जिले के आसपास के नगर निगमों के लगभग 150 मिट्रिक टन प्रतिदिन नगरीय ठोस अपशिष्ट (एम एस डबल्यू) का उपयोग जैव ईंधन उत्पादन में किया जायेगा। उक्त संयंत्र में लगभग 60 करोड़ रुपए की राशि का निवेश शत-प्रतिशत बीपीसीएल द्वारा किया जायेगा। प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 30 हजार मानव दिवस प्रतिवर्ष रोजगार सृजित होंगे। संयंत्र निर्माण के दौरान भी बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
सरकार को हरसाल मिलेगी एक करोड़ की जीएसटी
कम्प्रेस्ड बायोगैस संयंत्र में पूर्ण क्षमता के उत्पादन एवं विक्रय होने पर प्रतिवर्ष लगभग राशि 1 करोड़ रुपए का जीएसटी प्राप्त होगा। संयंत्र में सह उत्पाद के रूप में प्राप्त जैविक खाद से जैविक खेती को प्रोत्साहन मिलेगा। इसके अलावा संयंत्र की स्थापना से ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में कमी आयेगी तथा पर्यावरण स्वच्छ होगा। सीबीजी के उपयोग से राज्य नेट जीरो एमिशन प्राप्ति की दिशा में अग्रसर होगा। इस एग्रीमेंट हस्ताक्षर कार्यक्रम में सीबीडीए के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुमित सरकार, हेड बायोफ्यूल्स बीपीसीएल मुम्बई अनिल कुमार पी, आयुक्त नगर पालिका निगम भिलाई बजरंग दुबे, बीपीसीएल एवं ऊर्जा विभाग के प्रमुख अधिकारी एवं संबंधित विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहें।