नाबालिक बेटे के साथ पति की हत्या करने वाली महिला को मिली आजीवन कारावास की सजा

बिलासपुर| नाबालिक बेटे के साथ पति की हत्या करने वाली महिला सुशीला निषाद को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सुशीला ने सिविल लाइन थाना रामपुर अंतर्गत पथर्रीपारा में विमल वाल्मिकी उर्फ सूर्या से प्रेम विवाह किया था। सुशीला ने अपने 4 बच्चों के होने के बाद भी पति को सूर्या के लिए छोड़ दिया था। बाद में लड़ाई-झगड़ा मारपीट होने लगा। सुशीला ने विमल की हत्या कर दी। कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

बता दें, 8 नवंबर 2019 को पुनः विवाद होने पर पतनी सुशीला ने अपने नाबालिग पुत्र के साथ मिलकर विमल का गला घोंट कर हत्या कर दी। इस कार्य में उसके पुत्र ने सहयोग दिया। बाद में शव को चटाई में लपेट कर किराए में कार बुलाई और चालक ललित कुमार घोसले से काफी पाइंट पिकनिक स्थल पर जाने का झांसा दिया।

चटाई में शव लपेट कर सुशीला व उसका पुत्र ले गए और खाई में फेंक दिया। घटना के बाद चालक ललित को हत्या के मामले में फंसा देने की धमकी देकर चुप कराया। इसके बाद सुशीला ने स्वयं पुलिस थाना में पति के गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। इधर कार चालक ललित भी सुशीला के ब्लैकमेलिंग से त्रस्त हो गया और उसने पूरे घटनाक्रम की जानकारी पुलिस को दी।

पुलिस ने 24 जुलाई 2021 को काफी पाइंट में जांच पड़ताल की तब कंकाल मिला। कंकाल के साथ मिले सामान के आधार पर विमल की पुष्टि होने पर सुशीला व उसके पुत्र को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया। शासन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक कृष्ण कुमार द्विवेदी ने पैरवी करते हुए न्यायालय के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत किया। इसके आधार पर प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गरिमा शर्मा ने आरोपिता को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास तथा पांच सौ रुपये जुर्माना तथा धारा 201, 34 के तहत तीन साल सश्रम कारावास एवं पांच सौ रुपये अर्थदंड से दंडित किया।

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